जतारा/टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एन. पी. पटेल ने बताया कि फरियादी राजेन्द्र कुशवाहा दिनांक 16.01.2017 को समय शाम 05:30 बजे अपने कुआं में टिल्लू पंप से पानी लगाने के लिए बॉल डाल रहा था तभी उसका चाचा बंशी कुशवाहा व उसका लड़का बालचंद्र आए और बोले कि अभी तुम पानी नहीं लगाओगे, तब उसने कहा कि तुम्हारा अवसर समाप्त हो गया है अब मेरा अवसर है, मैं पानी लगाऊंगा। तब दोनों अभियुक्तगण प्रार्थी/फरियादी से गाली-गलोंच कर मारपीट की। बालकिशन कुशवाहा व हरचरन कुशवाहा ने बीच-बचाव किया तब बालचंद्र ने हरचरन की मारपीट कर दी। दोनों अभियुक्तगण कह रहे थे कि अब कुआं से पानी लगाया तो जान से मार कर कुआं में फेंक देंगे। उक्त घटना के आधार पर थाना में चंदेरा में अपराध क्रमांक 05/2017 अंतर्गत धारा 294, 323/34, 336 एवं 506 भाग-2 भादवि पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आज दिनांक 08.03.2021 को माननीय न्यायालय जतारा द्वारा प्रकरण में संपूर्ण विचारण पश्चात् पारित अपने निर्णय में आरोपीगण बालचंद्र कुशवाहा एवं बंशी कुशवाहा को धारा 323 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000-1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एम.पी. रैकवार, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
मारपीट करने वाले आरोपीगण एक-एक हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित : मीडिया सेल प्रभारी एन. पी. पटेल ने बताया कि रविशंकर उर्फ बते ने थाना कोतवाली टीकमगढ़ में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट की, कि दिनांक 21.05.2011 को रात्रि करीब 10:30 बजे कार से जब वह अपने घर राजमहल के पास जा रहा था उसी समय राजमहल चौराहे पर संजीव झाम उर्फ टीटू, अजय झाम, प्रदीप झाम, अशोक झाम व अंकित झाम सभी ने मिलकर उसके ऊपर क्रिकेट के बेट, तलवार एवं डंडो से उसके ऊपर हमला कर दिया वह वहीं चौराहे पर तड़पता रहा। करीब 20-25 मिनिट बाद उसके घर के लोगों को पता चला और वह राजमहल चौराहे पर आए तभी सभी आरोपीगण द्वारा उसके परिवार के सदस्यों पर हमला किया गया। तब फरियादी की रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली द्वारा अपराध क्रमांक 374/2011 अंतर्गत धारा 147,148,323,294 व 506 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय टीकमगढ़ के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में संपूर्ण विचारण पश्चात् अपने निर्णय में आरोपीगण अजय झाम, संजीव उर् टीटू झाम, प्रदीप झाम, अशोक झाम व अंकित उर्फ तुषार झाम को भारतीय दंड संहिता की धारा 148 के अधीन दण्डनीय अपराध के आरोप में दोषसिद्धी पर प्रत्येक अभियुक्त को 1000-1000/-रूपये (एक-एक हजार रूपये मात्र) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कु० प्रेरणा योगी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
मारपीट करने वाले आरोपीगण, न्यायालय उठने तक की सजा एवं अर्थदंड से दण्डित : मीडिया सेल प्रभारी एन. पी. पटेल ने बताया कि फरियादिया ने कोतवाली टीकमगढ़ में उपस्थित होकर इस आशय से रिपोर्ट की, कि दिनांक 20.05.2011 की शाम उसके लड़के राजमहल के पास क्रिकेट खेल रहे थे तभी रमेश कुमार सोनी मोटरसाइकिल से आया और गिर पड़ा तो वह बच्चों को गाली-गलोंच करने लगे तब उन लोगों तथा मोहल्ले वालों ने उसे समझाकर भगा दिया। इसी बुराई को लेकर जब बच्चे रात करीब 10:00 बजे क्रिकेट खेल रहे थे व मोहल्ला के अन्य लोग भी उनके साथ क्रिकेट खेल रहे थे तभी मोहल्ला के रमेश सोनी, पन्ना सोनी की सांग, बत्ते सोनी डंडा, नथ्थू सोनी क्रिकेट का स्टाम्प, बब्लू सोनी तलवार, कल्ले सोनी डंडा, परसू प्रभाकर खाली हाथ, बच्चों को मारपीट करने दौड़े और बोले साले के खानदान को खत्म कर दो तब बच्चे डरकर घर के अंदर घुस गए। तभी यह सभी लोग एक राय होकर घर के अंदर आए जब मना किया तो इन सभी ने मिलकर फरियादिया तथा उसके लड़के व देवर, पति व विजय के साथ मारपीट की तब उन लोगों के चिल्लाने पर आस-पास के लोग आ गए जिन्होंने बीच-बचाव किया तभी अभियुक्तगण बुरी-बुरी गालियां देकर बोले कि अब क्रिकेट खेले तो जान से मार देंगे। उक्त घटना के आधार पर थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 292/2011 अंतर्गत धारा 147,148,149,452,294,324,323,506बी भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय टीकमगढ़ द्वारा उक्त प्रकरण में संपूर्ण विचारण पश्चात् निर्णयानुसार आरोपीगण बल्लू उर्फ हीरालाल, बते उर्फ रविशंकर, पन्नालाल, नितिन उर्फ पप्पू, रमेश, अमरदीप, भैयालाल उर्फ संजय एवं प्रभाकर उर्फ परशु को धारा 323/149 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 2000-2000/-रूपये (प्रत्येक काउंट के लिए एक हजार रूपये), धारा 147 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000/-रूपये का अर्थदण्ड, धारा 148 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000/-रूपये का अर्थदण्ड एवं 452 भादवि में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 1000/-रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कु० प्रेरणा योगी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।