May 3, 2024

Deepest Ocean hole : जापानी वैज्ञानिकों ने समुद्र की गहराई में खोदा सबसे गहरा गड्ढा, जानकर होगी हैरानी


नई दिल्ली. समुद्र कहें या सागर, ये हमारी धरती के करीब 70 फीसदी विस्तार में फैले हैं. ये संसाधनों से भरे होने के साथ जिंदगी से लबरेज हैं. अब तक यहां रहने वाले करीब 2.5 लाख जीवों की पहचान ही हो पाई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि समुद्र में अभी ऐसे कई राज छुपे हुए हैं, जिनसे मनुष्य अनजान है. सागर कुदरत के अनमोल खजाने से भरे हैं. संभावनाओं और अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने के मकसद से जापान ने अब तक के इतिहास में समुद्र के भीतर हुई सबसे गहरी खुदाई का टास्क पूरा किया है.

शोधकर्ताओं की मुहिम

जापान के तट पर काम कर रहे शोधकर्ताओं की टीम ने 14 मई को प्रशांत महासागर के तलहटी में 8,000 मीटर गहरी ड्रिलिंग करने का रिकार्ड बनाया है. लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह किसी भी महासागर में किया गया अब तक का सबसे गहरा छेद है. रिसर्च वेसल कैमी (Research Vessel Kaimei) पर सवार दल ने ‘पिस्टन कोरर’ (Giant Piston Corer) नाम की लंबी ड्रिल को समुद्र के गर्भ में उतारा और दो घंटे 40 मिनट के बाद करीब 8,000 मीटर की गहराई को खंगालते हुए इतिहास बना दिया.

‘120 फुट लंबी तलहटी मिली’

जापान में हुई इस अप्रत्याशित मुहिम के तहत जुटी टीम ने खाई के गड्ढे से एक 120 फुट लंबी तलहटी भी खोज निकाली. अब वैज्ञानिक इस तलहटी के शोध के जरिए क्षेत्र में आए भूकंपों का भी अध्यन करेंगे. आपको बता दें कि जापान दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित देश है. वहीं ये ड्रिल साइट 2011 में आए तोहोकू भूकंप (Tōhoku earthquake) के एपिसेंटर के करीब स्थित है.

जिसने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Fukushima Daiichi nuclear power plant) को बुरी तरह प्रभावित करने वाली सूनामी (Tsunami) को पैदा किया था. भूकंप-सूनामी से तब ऐसी तबाही मची थी जिसे जापान के लोग आज भी याद करना नहीं चाहते.

करीब 50 साल पहले हुई थी ऐसी ड्रिलिंग

इस ऑपरेशन ने पिछली महासागर ड्रिलिंग का रिकॉर्ड तोड़ दिया जो करीब 50 साल तक स्थिर रहा. वो रिकार्ड, रिसर्च वेसल ग्लोमर चैलेंजर ने 1978 में मारियाना ट्रेंच की ड्रिलिंग में हासिल किया था. दरअसल जापान में कुदरती संसाधनों की भारी कमी है. जापान अपनी अयस्कों की जरूरत आयात से पूरी करता है. इस वजह से भी सरकार गहरे समुद्र में खुदाई करके खनिज हासिल करना चाहती थी. ऐसी संभावनाएं तलाशने के लिए 2013 में ही जापान की सरकार ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी. आपको बता दें कि जमीन या फिर समुद्र पर अब तक खोदा गया सबसे गहरा गड्ढा रूसी वैज्ञानिकों ने 1989 में अपने उत्तरी कोला प्रायद्वीप में खोदा था.

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