May 7, 2024

छत्तीसगढ़ सरकार का विकास मॉडल दिला सकता है कांग्रेस को जीत! बागियों का कहना – आपसी गुटबाजी से हो रहा भाजपा को नुकसान

दुर्ग. प्रदेश में चुनावी बिगुल बजते ही  सभी तरफ चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. जहां प्रदेश के 10 जिलों के 15 नगरीय निकायों में सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतर दिया है तो वही छत्तीसगढ़ की मिनी इंडिया कहे जाने वाले शहर भिलाई में भी बड़े गद्दावर नेताओं का आना शुरू हो गया है. हर जगह पर कांग्रेस और भाजपा को टक्कर देने के लिए मैदान में निर्दलीय और बागियों की फ़ौज भी है. इन दिनों सबसे हाई प्रोफाइल सीट कहा जाने वाला भिलाई का खुर्सीपार इलाका अब रोजाना चुनावी रंग में ढल चुका है और रोज नए करवट बदल रहा है. इस सीट में कांग्रेस से ज़्यादा भाजपा के गुटबाजी की चर्चाएं है.
इन नेताओं की साख दांव पर
राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, दुर्ग सांसद विजय बघेल और वैशाली नगर से विधायक विद्यारतन भसीन जैसे बड़े नेताओं ने अपने अपने मन चाहे प्रत्याशियों को मैदान में उतरा है, जिसके चलते इस पार्टी के बहुत से कार्यकर्ता नाराज़ हैं और यहाँ बागियों की फ़ौज खड़ी हो गई है. वही अगर  कांग्रेस की बात करे तो नज़ारा यहाँ इसके उलट दिखाई दे रहा है. विधायक देवेंन्द्र यादव जोकि भिलाई के पूर्व महापौर भी रहे हैं। पार्टी ने इन्ही के कंधे पर पूरा दारोमदार सौंपा है। प्रभारी के रूप में केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर जिम्मेदारी सम्हाले हुए हैं। भिलाई निगम पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी खासा इंट्रेस्ट जुड़ा होने के कारण यह सीट हॉट स्पॉट बनी हुई है।
भिलाई इन वार्डों में कांटे की टक्कर
खुर्सीपार इलाके में सबसे ज़्यादा जिन वार्डों में सरगर्मी देखने को मिल रही है, वो वार्ड है 44, 38, 42, 50 और 49. इन वार्डों में दोनों तरफ के भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर है. मगर कुछ ऐसे भी है जिनके पुराने आपराधिक मामले उनका दामन छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे है, जिसके कारण उन उम्मीदवारों को हार का मुँह देखना पड़ सकता है.
क्या भाजपा में सब कुछ ठीक है?
सूत्रों की माने तो यहाँ सरोज पांडेय, प्रेमप्रकाश पाण्डे, विजय बघेल और विद्यारतन भसीन चारो के अलग अलग गुट दिखाई दे रहे है, लोगों का कहना है कि भाजपा में बड़े नेताओं के बीच मतभेद और मनभेद जोरों पर है. ऐस में यहाँ जिस तरह से टिकट वितरण हुआ है उससे बागियों के सुर ऊँचे हो चले है, जिसका सीधा असर वोट बैंक को पड़ रह है. भाजपा ने यहाँ कुछ ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतर दिए है जिनके उपर आपराधिक मामले पूर्व में रहे है. मगर ऐसे लोग जनता को बाहुबल और पैसों से खरीदने की कोशिश कर है. बाहरी फैक्टर इन सभी वार्डों में देखने को मिल रहा है, जहां लोगों का कहना है की ‘जो लोग हमारे बीच के नहीं वो हमारा दुःख दर्द क्या समझेंगे’. यहां कुछ ऐसे बागी भी है जिनका कहना है कि ‘यदि प्रेमप्रकाश के कैंडिडेट को टिकट मिली हुई है तो सरोज पांडेय का कैंडिडेट निर्दलीय लड़ रहा है और सरोज के कैंडिडेट को मिली है तो प्रेमप्रकाश के समर्थक निर्दलीय चुनाव मैदान में है’
कांग्रेस का क्या है हाल ?
देशभर में आपको देखने को मिलेगा की कांग्रेस से बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में होते हैं. कांग्रेस के विधायक तोड़े जाते हैं. नेता नाखुश रहते है. लेकिन भिलाई में सब कुछ उल्टा है यहां कांग्रेस मजबूत नजर आती है, एकमत नजर आती है. ऐसे में वार्डों में विधायक देवेंद्र यादव के पुराने कामों का लाभ सभी प्रत्याशियों को मिल रहा है. एकमुश्त 6500 की जगह 100 रु की किश्त में नल कनेक्शन का सीधा फायदा जनता को हुआ और उसका लाभ अब कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिल रहा है. खुर्सीपार और वैशालीनगर में पट्टा वितरण कांग्रेस के पाले को और अधिक मजबूत करता है। 15 दिन पहले इंडस्ट्रियल एरिया छावनी की एक सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छवनी में पट्टा वितरण की घोषणा की जो इस चुनाव में बड़ा बदलाव लेकर आई है।
अब तक यहाँ हुए ये सभी विकास कार्य
महिला स्वरोजगार, मदर्स मार्केट, 50 से अधिक खेल मैदान, खुर्सीपार, छावनी को पट्टा, 12 नए पानी टंकियां, प्रदेश में एक मात्र 100 रु में नल कनेक्शन देने वाला शहर भिलाई, संपत्ति कर आधा करने वाला एक मात्र शहर भिलाई, 3 आत्मानंद स्कूल, देश का पहला ODF शहर बना था भिलाई (2016), स्वच्छता रैकिंग में पिछले 5 सालों से देश के टॉप शहरों में शामिल रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post अब इस संकट से होगा दुनिया का सामना? रूस की चेतावनी के बाद बढ़ा खतरा
Next post मारपीट करने वाले आरोपियों पर 900-900 रूपये के अर्थदण्‍ड एवं न्‍यायालय उठने तक की सजा से दंडित
error: Content is protected !!