May 8, 2024

दोगुनी आय का वादा करने वाली मोदी सरकार ने फिर किसानों को ठग लिया : कांग्रेस


मंत्री रविन्द्र चौबे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी, संचार विभाग सदस्य सुरेन्द्र शर्मा, प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला की पत्रकारवार्ता आज सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, विकास तिवारी, एम.ए.इकबाल, नितिन भंसाली, अमित श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। पढ़िए पत्रकारवार्ता के मुख्य अंश…

1. 20-21 की ख़रीफ़ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य ऊंट के मुंह में जीरा।
2. जितना पैसा किसानों को मिलेगा उससे ज़्यादा तो मोदी डीज़ल के दामों से वसूल कर रहे हैं।
3. मोदी सरकार के फ़ैसले ने साबित किया कि भाजपा किसान विरोधी है।
 
पत्रकारवार्ता के बिंदु 
1. केंद्र के सरकार ने ख़रीफ़ फ़सलों के लिए वर्ष 2021-22 के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा कर दी है।
2. समर्थन मूल्यों में वृद्धि की जो घोषणा की गई है, वह इतनी कम है कि उसे ऊंट के मुंह में जीरा कहें तो ग़लत नहीं होगा।
3. भाजपा के संकल्प पत्र में 2014 और 2019 दोनों में कहा गया था कि पार्टी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेगी।
4. स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया गया था।
5. लेकिन सच यह है कि स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने में किसान के साथ ठगी कर ग़लत फ़ार्मूला लगा लिया गया और कहा गया कि रिपोर्ट लागू हो गई।
6. और समर्थन मूल्यों में साल दर साल की जा रही बढ़ोत्तरी इतनी कम है कि किसान की आय दोगुनी होने की संभावना ख़त्म हो गई है।
7. वर्ष 2022 तक के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा हो चुकी है और स्पष्ट है कि किसान को नरेंद्र मोदी जी ने बुरी तरह धोखा दिया है और उसके साथ बड़ी ठगी हुई है।
धान की आय से ज़्यादा ख़र्च डीज़ल का 
1. नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है वह इतनी कम है कि किसान पिछले साल की तुलना में घाटे में ही रहेगा।
2. पिछले एक वर्ष में डीज़ल के दामों में जो वृद्धि हुई है उसकी वजह से खेती करना बहुत महंगा हो गया है।
3. अभी इसमें मज़दूरी की बढ़ी हुई क़ीमत, खाद के दामों में वृद्धि अलग से होगी।
4. उदाहरण के तौर पर धान के समर्थन मूल्य में 72 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
5. यदि एक एकड़ में 15 क्विंटल की औसत फसल मान लें तो किसानों की आय में प्रति एकड़ 1080 की बढ़ोतरी होगी।
6. अब अगर डीज़ल के दामों में पिछले एक साल में हुई बढ़ोत्तरी को देख लें तो सिर्फ डीज़ल का खर्च एक साल में 1200 रुपये बढ़ गया है।
7. इसका मतलब है कि केंद्र की सरकार जितना पैसा दे रही है उससे ज़्यादा तो डीज़ल के माध्यम से वसूल रही है।
8. किसान सिर्फ डीज़ल के खर्च में 120 रु के नुकसान में है।
9. इसमें अभी खाद और कीटनाशक दवाइयों की क़ीमतों में हुई वृद्धि का खर्च शामिल नहीं है।
10. आज सरकार कह रही है कि धान के उत्पादन में 1292 रुपये का खर्च आता है जबकि पहले 1410 प्रति क्विंटल लागत स्वीकार किया गया था।
11. इस दृष्टि से भी देखें तो किसान की आय दोगुनी तो किसी सूरत में नहीं हो रही है।
12. यही गणित दूसरी ख़रीफ़ फ़सलों के लिए भी लगाया जा सकता है।
13 इसका मतलब है कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों को ठग लिया है।
किसान विरोधी ही है भाजपा
1. तीन काले क़ानून लाकर किसानों की जान में आफ़त में डालने वाली मोदी सरकार ने साबित कर दिया है कि भाजपा का मूल चरित्र ही किसान विरोधी है।
2. जब लाखों किसान आंदोलन करने उतरे तो भाजपा के लोगों ने किसानों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी औऱ फर्जी जैसी उपमाओं से अलंकृत किया।
3. जो सरकार अपने चहेते उद्योगपितों के लाखों करोड़ माफ कर सकती है पर देश किसानों के लिए उनके पास कुछ नहीं है।
4. किसानों से ठगी का यह सिलसिला नया नहीं है।
ऽ छत्तीसगढ़ के किसान जानते हैं कि रमन सिंह ने किस तरह से 2100 रुपए समर्थन मूल्य देने के वादा किया और उसे भुला दिया।
5. कैसे किसानों को हर साल 300 रुपए बोनस देने का वादा किया गया और सिर्फ़ चुनावी वर्ष में बोनस देकर किसानों को बरगलाने की कोशिश की।
भाजपा को किसान न्याय योजना भी बर्दाश्त नहीं
1. एक ओर तो भाजपा किसानों से किया हुआ कोई वादा नहीं निभाती।
2. दूसरी ओर उससे यह भी बर्दाश्त नहीं होता कि कोई और सरकार अपना वादा निभा ले।
3. कांग्रेस ने किसानों से वादा किया था कि धान का मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रुपए दिया जाएगा।
4. जब भूपेश बघेल जी की सरकार ने वादे के अनुसार किसानों का कर्ज़ा माफ़ किया और किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल देना शुरु किया तो भाजपा की केंद्र सरकार को आपत्ति हो गई।
5. केंद्र सरकार ने कह दिया कि अगर समर्थन मूल्य से अधिक का भुगतान हुआ तो केंद्र राज्य से केंद्रीय पूल में चावल नहीं लेगी।
6. माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने जब ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’।
7. लागू की तो भाजपा को वह अन्याय योजना दिखती है।
8. आज भूपेश सरकार धान के अलावा मक्का, गन्ना, कोदो, कुटकी, रागी, दलहन और तिलहन सभी के किसानों को किसान। 9. इस साल भी केंद्र की भाजपा सरकार ने 60 लाख टन चावल लेने का वादा करने के बाद सिर्फ़ 24 लाख टन चावल छत्तीसगढ़ से लिया है।
10. कल्पना कीजिए कि अगर भूपेश सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू न की होती तो आज फिर छत्तीसगढ़ का किसान कर्ज़ में डूबा हुआ होता और आत्महत्या करने को मजबूर होता, जैसा कि वह रमन सरकार में था।

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