May 10, 2024

साइंस कॉलेज का फैसला एबीवीपी के पक्ष में व छात्रहित में आया

बिलासपुर. बिलासपुर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शासकीय ई राघवेन्द्र राव विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिंदी माध्यम को बन्द कर पूर्णतः अंग्रेजी माध्यम करने तथा आत्मानंद महाविद्यालय बनाने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर महानगर द्वारा लगातार कई महीनों से संघर्ष जारी था। महाविद्यालय परिसर में जाकर विद्यार्थी से इस विषय में बातचीत करने पर विद्यार्थियों ने बताया की पूरी पढ़ाई शुरू से हिंदी मीडियम में किए हैं और अभी अचानक से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई हो रही है इससे बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है विद्यार्थियों की इस समस्या को देखते हुए छात्र हित में अभाविप बिलासपुर द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया गया तथा महाविद्यालय के प्राचार्य , विधायक, कलेक्टर, उच्च शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री को नाम से तथा राज्यपाल से मुलाकात करके ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया था तथा लगातार कई बार ज्ञापन सौंपकर महाविद्यालय में हिंदी माध्यम बंद नहीं करने की मांग की जा रही थी।  साइंस कॉलेज के विद्यार्थी भी इस पक्ष में नहीं है की पूरी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में हो तथा शासकीय ई राघवेंद्र राव विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय को आत्मानंद महाविद्यालय में परिवर्तित किया जाए । विद्यार्थियों की मांग तथा उनके हित को ध्यान में रखते हुए  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा लगातार कई बार आंदोलन, प्रदर्शन किया गया था  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा छात्र हित की बात करता है और इतनी बड़ी समस्या को देखते हुए विद्यार्थी परिषद के द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा था । जब विद्यार्थियो की सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आया तब साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से हाईकोर्ट में अपील की गई थी जिसे अधिवक्ता संघर्ष पांडेय के द्वारा लंबे संघर्ष के बाद जीत अर्जित की गई एवं फ़ैसला छात्रहित में आया। कि इस वर्ष साइंस कॉलेज पूर्व की तरह ही दोनों माध्यम में संचालित होगी । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर विभाग संयोजक आयुष तिवारी ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया छात्रों को दी शुभकामनाएं। ज्ञात हो कि शहर के सबसे प्रतिष्ठित साइंस कॉलेज को नाम बदलकर स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम कर दिया गया था। जिसके विरोध में एबीवीपी ने शासन के फ़ैसले को अत्याचार बताते हुए ज्ञापनो तथा आंदोलनों के माध्यम से पुरजोर तरीके से  विरोध किया था तथा कहा था की हमारा विरोध अंग्रेज़ी माध्यम से नहीं हैं लेकिन हिंदी माध्यम में भी पूर्वानुसार पढ़ाई हो तथा पहले जैसे हिंदी माध्यम अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाई होती हैं। वैसे ही पढ़ाई हो । इस मांग को लेकर शासन का निर्णय छात्रहित में नहीं आता देख हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया तथा आज उनकी मांगे पूरी होंगी हैं। इस पर  अभाविप के महानगर मंत्री हिमांशु कौशिक  ने छात्रों को बधाई देते  हुए कहा कि सत्य की जीत हुईं हैं और हाईकोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया हैं। एवं इस फ़ैसले को छात्रहित में बताया हैं। फ़ैसले के बाद सभी कार्यकर्ताओं तथा विद्यार्थियो में खुशी की लहर हैं।अधिवक्ता संघर्ष पांडे ने कहा कि इस संघर्ष में एक नायक के रूप में साइंस कॉलेज के विद्यार्थी रहे है ।आज उनके आत्मविश्वास की जीत हुई है । साइंस कॉलेज के विद्यार्थी कृष्णी तिवारी, भूमिका चंद्रा, हलधर साहू, हेमंत साहू, मुकेश साहू, आयुषी दुबे, शुभम मानिकपुरी, आकांक्षा ओगरे, देव ठाकुर, समृद्धि शुक्ला तथा अन्य विद्यार्थियो ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को धन्यवाद दिया ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलासपुर महानगर के कार्यकर्ताओ में विभाग संगठन मंत्री यज्ञदत्त वर्मा, विभाग संयोजक आयुष तिवारी, महानगर विस्तारक  भिषेक पांडेय, महानगर सहमंत्री जितेंद्र साहू, अभिषेक जायसवाल, विशाल मिश्रा, संस्कार चौबे, आशीष तिवारी तथा अन्य कार्यकर्ता द्वारा भी लगातार मेहनत किया गया था ।

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