May 9, 2024

शांता फाउंडेशन के गौ सेवा के 501 दिन पूरे : सड़कों पर गायों के गले में लगाया रेडियम

बिलासपुर. शांता फाउंडेशन द्वारा निरंतर गौ सेवा 501 दिन पूरा होने पर शहर में घूमने वाली गौ माता की सुरक्षा को लेकर सड़कों पर विशेष अभियान चलाया गया ।  अभियान के दौरान गायों के गले में एक खास किस्म के रेडियम बेल्ट पहनाए गए हैं। इस बेल्ट का महत्व वाहन चालक को दूर से गाय के गले में बंधे रेडियम बेल्ट चमकते हुए नज़र आएंगे। इससे दुर्घटना कम होगी और गाय व आदमी दोनों ही दुर्घटना से बचेंगे। समाजसेवी संस्था शांता फाउंडेशन की यह पहल बीते कई वर्षों से चलता आ रहा है। इस तरह के प्रयास अन्य सभी सामाजिक बंधुओं को भी करना चाहिए यह प्रयास के लिए मोटिवेशनल कार्यक्रम भी किया जाता है। जिससे ड्राइवर सतर्क हो जाएंगे और इंसानों के साथ-साथ गौ माता भी घायल होने से बच सकेंगे। शांता फाउंडेशन टीम के सदस्यों ने बिलासपुर सड़कों पर घूम-घूमकर मिलनेवाले हर गौ माताओं के गले में बेल्ट को बांधा। ताकि बढ़ती दुर्घटना को रोका जा सके।
शांता फाउंडेशन के संस्थापक समाजसेवी नीरज गेमनानी ने बताया कि कोई भी जानबूझकर सड़क पर बैठी गौ माताओं को टक्कर नहीं मारते है, लेकिन दूर से नजर न आने के कारण कई बार गाय हादसों का शिकार हो जाते है। इन भोले गौ माताओं को हादसों से बचाने के लिए उन्होंने यह मुहिम छेड़ी है। पिछले कई सालों से अभियान को प्रतिक्रिया  भी मिली है। इस दौरान ये सभी मुख्य मार्गों और गलियों व सड़कों पर बैठने वाले सभी मूक पशुओं के गले में रेडियम का बेल्ट पहना रहे हैं। जिससे की वाहन की रोशनी में चालक को पशु आसानी से दिखाई दे सके। जिस वजह से  पशु और वाहन चालक दोनों की सुरक्षित हो सके।
शांता फाउंडेशन के सचिव सुश्री नेहा तिवारी ने कहा कि उनका बिलासपुर से सकरी के तरफ रात को कभी जाना होता है तब उसलापुर से सकरी के बीच सड़क सुनसान के साथ अंधेरा भी रहता है सड़क पे बैठी गाय नही दिख पाती उनका एक अनुरोध वाहन चालक से है कि वे वाहन सावधानी से चलाए जिससे अपनी और मूक पशु की सुरक्षा की जा सके।रात के समय इन पशुओं और वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया। हमने बीते वर्षों से गौ माँ के गले में ये बेल्ट लगाना शुरू कर दिया था. जिसका असर यह है कि रात के समय गौ माता के गले में रेडियम पट्टी दूर से ही चमकने लगती है। वही संस्था के सदस्य प्रितेश राठौर जी का कहना है कि ये रेडियम गौ माताओं के गले में एक सिग्नल का कमाल करेगी, ऐसे में रात के दौरान वाहनों की लाइट से ये रेडियम बेल्ट चमकने लगेगी, जिससे इस तरह के सड़क हादसों में कमी लाई जा सकेगी। अभियान को सफल बनाने में शांता फाउंडेशन बिलासपुर के संस्थापक समाजसेवी नीरज गेमनानी, नेहा तिवारी,प्रितेश राठौर,रूपाली पांडेय,दानेश्वर सिंह राजपूत व अन्य सम्मानीय सदस्य मौजूद रहे।

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