May 10, 2024

पटवारियों की काली करतूत से शासन को हुआ करोड़ों का नुकसान

बिलासपुर। जिले में भ्रष्टाचार का खुला खेल राजस्व विभाग द्वारा खेला जा रहा है। सरकारी रिकार्ड की चोरी और मिशल बंदोबस्त को गायब करने के बाद पटवारी सरकारी व निजी जमीनों को भू-माफियाओं को बेच चुके हैं। भाजपा शासन काल में भी पटवारी व तहसीलदार जमकर घालमेल करते रहे अब कांग्रेस शासन काल में भी बेलगाम अधिकारी सरकार की लुटिया डूबोनो पर उतारू हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तहसील कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच आखिर कौन करेगा? मीडिया द्वारा लगातार तहसीलदार व पटवारियों द्वारा किए जा रहे उल्टे सीधे कार्यों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जा रहा है, इसके बाद भी जमीन दलाल पटवारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

गांव गरीब और किसानों के मुद्दों को राज्य सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। किंतु बेलगाम हो चुके तहसील के अधिकारी कर्मचारियों पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है। राजस्व विभाग के रिकार्ड में दर्ज देव स्थल मद की भूमियां गायब हो चुकी हैं। बिना सिर पैर के विभाग के अधिकारी जमीनों का बंटाकन, नामांकन का काम कर रहे हैं। सरकारी जमीनों की रखरखाव करने के लिए जो नियम कानून बनाये गए थे उन सभी नियमों को दरकिनार कर राजस्व विभाग के आला अधिकारी काम कर रहे हैं। बिना चांदा मुनारा के जमीनों का नापजोक आज भी बदस्तूर जारी है। आदिवासियों की जमीनों को संरक्षित करने देव स्थल मद भूमियां राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने की परंपरा रही थी ताकि आदिवासियों को उनके जमीनों से वंचित न किया जा सके। चिन्हांकित भूमि पर कब्जा या फिर अन्य विवाद न हो इसका पूरा ध्यान पूर्व में किया जाता रहा है।

 

विगत 15 से 20 सालों में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने देव स्थल मद की भूमियों को चट करने चिन्हाकित रिकार्ड को गायब कर दिया है। तहसीलदार व पटवारियों के चक्कर काट-काट कर आदिवासी जमीनों के हकदारों की मौतें भी हो रही है। राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों से मिली भगत कर छलपूर्वक आदिवासियों की जमीनों हड़पने में जमीन दलाल आज भी सक्रिय हैं। मिशल-नक्सा और बिना चांदा मुनारा के कागजों में जमीनों का बंदबांट राजस्व विभाग के आला अधिकारी रोज कर रहे हैं। भ्रष्टाचार करने के मामले में राजस्व विभाग ने सारे नियम-कानून को ही बदल डाला है।

 

पूरे भारत में छग राज्य का राजस्व विभाग सरकारी जमीनों में हेराफेरी व आदिवासी जमीनों के विवादों के लिए बदनाम हो चुका है। राज्य में आदिवासियों की जमीनों को हड़पने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जो कारनामा किया है वह चौकाने वाले है। देव स्थल मद की जमीनों का रिकार्ड गायब कर बहुत बड़ा घोटाला किया गया है।

किसान के मौत मामले में पटवारी सस्पेंड
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम राजाकांपा निवासी किसान छोटूराम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान ने पटवारी को अपनी जमीन के दस्तावेज सुधारने पांच हजार रूपये दिये थे इसके बाद भी पटवारी काम नहीं कर रहा था जिससे तंग आकर किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। संबंधित पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। भाजपा नेत्री हर्षिता पाण्डेय ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है वहीं मृतक के परिजनों को 25 लाख रूपये सहायता देने की मांग शासन से की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post जनजागरण से ही कोरोना से विजय मिलेगी : शैलेष
Next post धारदार हथियार से अधेड़ की हत्या, घर के आंगन में मिली लाश
error: Content is protected !!