April 27, 2024

World में सबसे ज्‍यादा समय तक लगातार COVID Positive रहा UK का यह ‘Miracle Man’, अब सुनाई अपने संघर्ष की कहानी


ब्रिस्‍टल. ब्रिटेन (UK) के 72 वर्षीय रिटायर्ड ड्राइविंग टीचर डेव स्मिथ (Dave Smith) की कहानी जबरदस्‍त चर्चा में है. स्‍मिथ करीब 10 महीने तक कोविड संक्रमित (COVID-19 Infected) रहे, 7 बार अस्‍पताल में भर्ती रहे. वे दुनिया के ऐसे व्‍यक्ति बन गए हैं, जिन्‍हें लगातार इतने दिनों तक कोविड संक्रमण रहा. कोविड से लड़ने की ऐसी हिम्‍मत देखकर डॉक्‍टर भी हैरान हैं और वे स्मिथ को मिरेकल मैन (Miracle Man) कह रहे हैं.

43 बार पॉजिटिव आई रिपोर्ट 

इतने महीनों तक कोविड से संक्रमित रहने के दौरान स्मिथ का 43 बार कोविड टेस्‍ट किया गया, जो हर बार पॉजिटिव आया. वहीं हालत बिगड़ने पर 7 बार उन्‍हें हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा. एक बार तो उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उनके अंतिम संस्‍कार करने की योजना बनाई जाने लगी थी.

घट गया 60 किलो वजन 

दुनिया में कोविड से सबसे ज्‍यादा समय संक्रमित रहने वाले व्‍यक्ति बने स्मिथ के लिए यह एक साल भयावह रहा. उनके साथ घर पर क्‍वारंटीन में रहीं उनकी पत्‍नी लिंडा ने कहा, ‘कई बार ऐसा लगता था कि वह इससे बाहर नहीं निकल पाएंगे. यह एक साल नरक जैसा रहा.’

लगातार घंटों तक खांसते रहते थे 

वायरस से लड़ने के लिए स्मिथ को एक विशेष एंटीबॉडी ट्रीटमेंट भी दिया गया था. इस दौरान उनका 60 किलो से ज्‍यादा वजन घट गया और वो बहुत कमजोर हो गए. स्मिथ ने ठीक होने के बाद अपना अनुभव साझा किया है. उन्‍होंने बताया, ‘मुझे भयानक खांसी हुई थी. एक बार तो मैं बिना रुके 5 घंटे तक खांसता रहा. इस दौरान सांस रुकना या बीच में खांसी में ब्रेक आना जैसा भी नहीं हुआ, बल्कि मैं लगातार खांसता रहा. यह बहुत भयावह था.’

दी गई ट्रंप वाली थैरेपी 

स्मिथ को ल्‍यूकेमिया हो चुका है और कीमोथैरेपी के कारण उनकी इम्‍युनिटी भी बेहद कम थी. उन्‍हें ठीक न होते देख डॉक्टरों ने उन्‍हें अमेरिकी दवा कंपनी रेजेनरॉन द्वारा बनाई गई दवाओं का एक कॉकटेल दिया, जिसका इस्तेमाल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज (Donald Trump Covid Treatment) के लिए किया गया था. इसके बाद 2 हफ्ते में ही उनकी हालत सुधरने लगी और फिर उनका कोविड टेस्‍ट भी निगेटिव आ गया. अब स्मिथ की कोविड से लड़ाई पर ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में रिसर्च की जा रही है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वायरस एक व्यक्ति के शरीर के अंदर ही बदल सकता है या म्‍यूटेट कर सकता है या नहीं.

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