May 3, 2024

इस मंदिर की है अजीब माया, पोटलियों में सोना-चांदी भरकर दर्शन करने आते हैं भक्‍त

भारत (India) देश चमत्‍कारिक मंदिरों से भरा पड़ा है. यहां कई ऐसे चमत्‍कारिक धर्म स्‍थल हैं, जिनसे जुड़े रहस्‍य (Secrets) आज भी अनसुलझे हैं. इन मंदिरों से जुड़े रहस्‍यों और मान्‍यताओं के चलते लोग दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं. रतलाम का महालक्ष्‍मी मंदिर (Ratlam Mahalaxmi Temple) भी ऐसे विशेष मंदिरों में शामिल है, जहां एक मान्‍यता के चलते भक्‍त अपना सोना-चांदी (Gold-Silver) लेकर आते हैं और हफ्ते भर के लिए मां लक्ष्‍मी के चरणों में रख कर चले जाते हैं. दिवाली (Diwali) के मौके पर इस मंदिर की सजावट आंखें चौंधिया देने वाली होती है. यहां हर साल सजावट के लिए नोटों (Currency Notes) और करोड़ों रुपयों के गहनों (Jewellery) का इस्‍तेमाल होता है.

पुलिस के सख्‍त पहरे में रहता है मंदिर 

रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिन के दीपोत्‍सव से पहले ही भव्‍य सजावट का सिलसिला शुरू हो जाता है. मंदिर को करोड़ों रुपये की करंसी से सजाया जाता है. दीवार से लेकर मंदिर के खंभे, छत, झूमर जैसी तमाम चीजें नोटों से सजाई जाती हैं. इसके अलावा महालक्ष्‍मी का श्रृंगार करोड़ों रुपये के हीरे, मोती-जवाहरातों के आभूषणों से किया जाता है. इस दौरान यह मंदिर पुलिस (Police) के सख्‍त पहरे में रहता है. इस साल भी मंदिर की नोटों से सजावट का सिलसिला शुरू हो चुका है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते लोग मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे.

कई गुना बढ़ जाता है सोना-चांदी 

इस मंदिर को लेकर मान्‍यता है कि धनतेरस से लेकर दिवाली के बीच माता महालक्ष्‍मी के चरणों में और उनके दरबार में जो कुछ चढ़ाया जाता है, वो कई गुना होकर मिलता है. लिहाजा भक्‍त अपना सोना-चांदी लेकर पहुंचते हैं और उसे माता के चरणों में चढ़ाते हैं. ऐसा करने से साल भर सुख-समृद्धि रहती है. हफ्ते भर बाद भक्‍तों को उनका सोना-चांदी वापस कर दिया जाता है. इसके लिए उनके पहचान दस्‍तावेज जमा कराए जाते हें.

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