April 27, 2024

वीकएंड बदलने वाले UAE ने उठाया एक और बड़ा कदम, अब कॉर्पोरेट मुनाफे पर देना होगा टैक्स

दुबई. टैक्स हेवन (Tax Haven) और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के क्षेत्रीय मुख्यालय के रूप में पहचाना जाने वाला संयुक्त अरब अमीरात (UAE) एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है. UAE ने 2023 के मध्य से कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax) की शुरुआत करने का ऐलान किया है. इसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता से बाहर निकलकर अपनी आय में विविधता लाना है. सरकार का कहना है कि यूएई की कॉर्पोरेट टैक्स व्यवस्था दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगी.

इससे पहले बदला था वीकएंड 

सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘गल्फ फाइनेंशियल सेंटर, जिसे लंबे समय से टैक्स हेवन और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के क्षेत्रीय मुख्यालय के रूप में जाना जाता है, अगले साल जून से 375,000 AED ($ 102,000) से अधिक के व्यापार लाभ पर 9 प्रतिशत के हिसाब से कर लगाएगा’. बता दें कि ये संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उठाया गया ये दूसरा बड़ा कदम है. इससे पहले, यूएई ने वीकएंड को शुक्रवार-शनिवार से बदलकर शनिवार और रविवार कर दिया है, ताकि वह वैश्विक बाजारों के साथ सामंजस्य बैठा सके.

सऊदी अरब से मिल रही टक्कर 

प्रमुख तेल निर्यातक के साथ-साथ व्यापार, परिवहन और पर्यटन में भी एक बड़ा खिलाड़ी समझा जाने वाला संयुक्त अरब अमीरात कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए विविधता ला रहा है. इसे दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक पड़ोसी सऊदी अरब से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और विदेशी व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए अभियान चला रहा है.

मानकों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध

वित्त मंत्रालय ने कहा कि रियल एस्टेट या अन्य निवेशों से व्यक्तिगत आयकर या पूंजीगत लाभ कर लगाने की कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्रालय के अवर सचिव यूनिस हाजी अल खुरी (Younis Haji Al Khoori) ने कहा, ‘कॉर्पोरेट टैक्स की शुरुआत के साथ, यूएई कर पारदर्शिता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने और हानिकारक कर प्रथाओं को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. हमारी कॉर्पोरेट टैक्स व्यवस्था दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post अमेरिकी सांसद ने PAK को दिखाई औकात, कहा- जिहादी को न बनाओ राजदूत
Next post भाषा संस्‍कृति की सशक्‍त वाहक है : डॉ. चंद्रकांत रागीट
error: Content is protected !!