May 8, 2024

अमेरिकी सांसद ने Xi Jinping के Tibet दौरे को India के लिए बताया खतरा, China पर अपनी सरकार को भी घेरा


वॉशिंगटन. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के तिब्बत दौरे (Tibet Visit) को अमेरिका (America) भारत के लिए खतरे के तौर पर देखता है. प्रभावशाली अमेरिकी सांसद डेविन न्यून्स (Devin Nunes) का कहना है कि जिनपिंग का अचानक से तिब्बत जाना भारत के लिए खतरे की बात है और उसे सतर्क रहना चाहिए. न्यून्स ने अपने राष्ट्रपति जो बाइडेन पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार चीन को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है. बता दें कि जिनपिंग ने 21 जुलाई को तिब्बत के सीमावर्ती शहर निंगची की अघोषित यात्रा की थी. निंगची, तिब्बत का एक सीमावर्ती शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है.

‘Jinping ने जीत का किया दावा’

रिपब्लिकन सांसद डेविन न्यून्स (Republican Leader Devin Nunes) ने कहा, ‘चीनी तानाशाह शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह भारत की सीमा के पास तिब्बत का दौरा करके अपनी जीत का दावा किया है. मुझे लगता है कि पिछले 30 साल में यह पहली बार है, जब चीनी तानाशाह तिब्बत गए हों. यह एक अरब से अधिक की आबादी वाले और परमाणु शक्ति सम्पन्न भारत के लिए एक खतरे की बात है’. उन्होंने आगे कहा कि चीन द्वारा एक बड़ी जल परियोजना विकसित करना भी भारत के लिए खतरे की घंटी हो सकता है. क्योंकि इससे भारत की जल आपूर्ति बाधित हो सकती है.

Joe Biden पर साधा निशाना

निंगची यात्रा के दौरान शी जिनपिंग ने ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ का भी मुआयना किया था. चीन ने हाल ही में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है, जिसने भारत और बांग्लादेश के ब्रह्मपुत्र नदी के इलाके वाले क्षेत्र की चिंता बढ़ा दी है. सांसद डेविन न्यून्स ने अपनी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि चीन आगे बढ़ रहा है और राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन उसे हर वह चीज करने दे रहा है, जो वह चाहता है.

China पर लगते हैं ये आरोप  

रिपोर्ट्स के मुताबिक शी जिनपिंग ने अपने तिब्बत दौरे पर धार्मिक कार्यों को नियंत्रित करने वाले मौलिक दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया था. बता दें कि चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह बौद्ध बहुल तिब्बत क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबा रहा है. 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही शी जिनपिंग ने तिब्बत पर सुरक्षा नियंत्रण बढ़ाने की कड़ी नीति अपनाई है.

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