May 9, 2024

VIDEO – प्रदर्शन : महावीर कोलवाशरी के खिलाफ 9 गांवों के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. काले कोयले के खेल में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सफेदपोश नेताओं के हाथ पूरी तरह से रंगकर काले हो गये चुके हैं। सारे नियमों को ताक में रखकर बिलासपुुर जिले में अवैध कोलवाशरी और डिपो संचालित हो रहे हैं। कोटा और तखतपुर ब्लाक के कुल नौ गांवों के ग्रामीण महावीर कोलवाशरी का विरोध करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर दफ्तर पहुंचे ग्रामीणों और नेताओं ने सीधे तौर पर कहा कि महावीर कोलवाशरी भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव बिना जन सुनवाई और आम सूचना के गलत तरीके से शुरू किया जा रहा है। अगर हमारी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो हाईकोर्ट में मामला लगाया जायेगा और चक्काजाम कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। महावीर कोल वाशरी का विरोध करने पहुंचे ग्रामीणों के साथ एनसीपी व आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस दौरान ग्राम खरगनी, पर्थरा, छेरकाबांधा, खुरदुर, पीपरतराई, भरारी, भुंडा, गोकुलपुर, खरगना के ग्रामीणों सहित चार सरपंचों ने संयुक्त रूप से एक राय होकर कलेक्टर कार्यालय में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री,राज्यपाल, केन्द्रीय पर्यावरण विभाग व राज्य पर्यावरण विभाग के नाम ज्ञापन सौंपते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

ज्ञापन सौंपने आये ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि बिलासपुर जिले के अंतर्गत कुल 12 कोलवाशरी व 80 कोल डिपो का संचालन गलत तरीके से किया जा रहा है। बिना जन सुनवाई और प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ कर जिले में कोयले की अफरा-तफरी की जा रही है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों और सफेदपोश नेताओं को अपनी जेब में रखने वाले महावीर कोलवाशरी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक प्रमोद जैन, विनोद जैन नाम लेते हुए ज्ञापन सौंपने आये नेताओं ने कहा कि बिना जन सुनवाई के कागजों पर ही सुनवाई पूरी कर ली गई जो पूर्णत गलत है। जिले में प्रदूषण के नाम पर जहर बांटा जा रहा है। सड़के बर्बाद हो रही है और फसलों को भी भारी छति पहुंचाई जा रही है। महावीर कोलवाशरी के संचालन से जनजीवन प्रभावित होगा जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जल्द से जल्द जिले के अवैध कोलवाशरी और कोल डिपो पर तालाबंदी की कार्यवाही नहीं की जाएगी तो ग्रामीण हाईकोर्ट तक जाएंगे और सड़क जाम कर उग्र आंदोलन करेंगे।

गहमा-गहमी का रहा माहौल
आज दोपहर करीब डेढ़ बजे कुल नौ गांवों के ग्रामीण जब कलेक्टर कार्यालय के पास पहुंचे तो भारी गहमा-गहमी का माहौल रहा। मुख्यद्वार बंद होने के कारण ग्रामीण और महिलाएं सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगी, जिसके चलते कलेक्टोरेट मुख्य मार्ग पूरी तरह से प्रभावित रहा। अतिरिक्त कलेक्टर गुप्ता जब ग्रामीणों से मिलने पहुंचे तो ग्रामीणों ने कलेक्टर से बात करने की मांग पर अड़ गये। इस दौरान कलेक्टर बिलासपुर मीटिंग ले रहे थे।


लॉक डाउन में किया गया घालमेल
महावीर कोल वाशरी के पक्ष भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग को लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि सफेदपोश नेताओं के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कोल वाशरी संचालक को फायदा पहुंचाने के लिये गलत नीति का इस्तेमाल किया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब पूरे देश में लॉक डाउन लगा हुआ था तब 20-05-21 को फर्जी तरीके से एनओसी दे दिया गया है। इस दौरान सचिव भोलाराम ने बिना ग्रामीणों के सहमति के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया, जो जांच का विषय है।

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