May 8, 2024

बैंक सखी से ग्रामीणों को घरों में मिल जा रहा है भुगतान


बिलासपुर. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के लिए बनाए गए स्व सहायता समूह आधी आबादी को आत्मनिर्भर बना रहे है। एनआरएलएम महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकरात्मक कार्य कर रहा है। बैंक में सखी बनकर समूह की महिलाएं अपनी अन्य बहनों को भी बैकिंग सिखा रही है। विकासखण्ड मस्तूरी के ग्राम कुली की एकता यादव अब बैंक वाली दीदी के नाम से मशहूर हो गई है। सुश्री एकता यादव बैंक का विकल्प बनकर बैंक सखी का कार्य बखूबी तरीके से कर रही हैं। सुश्री यादव अब तक 10 लाख रूपए की राशि का भुगतान बैंक सखी के माध्यम से कर चुकी है। कोरोना काल में ही उन्होंने लगभग 6 लाख रूपए का भुगतान करवाया है। ग्राम कुली, कुकदा, उड़ागी, बसहा और ऊनी के गांवों में वृद्धावस्था, निराश्रित पेंशन, रोजगार गांरटी योजना की राशि, जनधन, आवास, स्कालरशिप एवं अन्य योजनाओ की राशि का भुगतान इनके द्वारा किया जा रहा है। वे घर-घर पहुंचकर भी दिव्यांग, वृद्धा एवं असहाय लोगों की राशि भुगतान कर सेवा की भावना का उदाहरण पेश कर रही है। सुश्री यादव ने बताया कि उनमें यह आत्मविश्वास बिहान (एनआरएलएम) से जुड़कर आया। इस योजना के तहत उन्हें आरसेटी से बैंक मित्र का 10 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। वे बताती है कि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त होने के उपरांत आज मैं सफलतापूर्वक बैंक सखी का दायित्व निभा रही हूं। प्रतिमाह मुझे 25 हजार रूपए तक की आमदनी प्राप्त हो जाती है। इससे मेरेे परिवार को आर्थिक रूप से बहुत मदद मिली है।

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