7 एक्स वेलफेयर टीम के सदस्यों ने किया पार्थला फ्लाईओवर का दौरा
नोएडा. नोएडा प्राधिकरण और इसकी गतिशील सीईओ रितु माहेश्वरी के तत्वावधान में काफी समय से नोएडा विकास गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रहा है। पार्थला फ्लाईओवर जैसी चल रही ऐतिहासिक परियोजनाएं, जो नोएडा का पहला सस्पेन्शन पुल है ने वास्तव में नोएडा को तेजी से बढ़ते भविष्य के शहर के रूप में पह्चान दिला रहा है।
पहली बार नोएडा का एक प्रमुख नागरिक ग्रुप – 7 एक्स वेलफेयर टीम ने इस प्रमुख पहल के बारे में अपडेट प्राप्त करने के लिए आज परियोजना का दौरा किया। परियोजना स्थल का दौरा करते हुए टीम के सदस्यों ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की। यह वास्तुशिल्प चमत्कार आकार ले रहा है। समूह को जानकारी देते हुए, नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक मुकेश कुमार वैश्य ने नागरिकों को परियोजना की प्रगति के बारे में अवगत कराया और समय सीमा को पूरा करने के बारे में अपना विश्वास व्यक्त किया, जो कि दिसंबर 2021 है।
7X वेलफेयर टीम की सदस्य राकेश कुमार झा जो नोएडा एक्सटेंशन और ग़ाज़ियाबाद कार्य हेतु आते जाते रहते है और रोजाना इस सड़क से आवागमन करते है, वह इस परियोजना से विशेष रूप से खुश है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण को धन्यवाद देते हुए, उन्होने कहा कि सुचारू सड़क व्यवस्था समय की आवश्यकता है और एक बार फ्लाईओवर चालू हो जाने के बाद, उनकी यात्रा का समय कम से कम 20 मिनट से घटकर आधा घंटा हो जाएगा। पार्थला चौक फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे के साथ सबसे व्यस्त जंक्शनों में से एक है और यह जंक्शन हर दिन पीक आवर्स के दौरान लगभग 60 मिनट में 18000 से अधिक वाहनों का भार वहन करता है और यातायात के पूर्वानुमान के अनुसार वाहन कि संख्या आगे बहुत तेजी से बढ़ेगी।
यह उम्मीद की जाती है कि फ्लाईओवर चौक पर भीड़भाड़ कम करने में मदद करेगा, जो नियमित रूप से जाम हो जाता है। 7X वेलफेयर टीम से जुड़े पर्यावरणविद् डॉ. प्रणब जे पातर ने कहा कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एक स्वच्छ वातावरण प्राप्त करने के लिए गैर-प्रदूषणकारी वाहनों के साथ-साथ भीड़भाड़ मुक्त यातायात प्रणाली दो महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, जो आम तौर पर प्रमुख वायु गुणवत्ता चुनौतियों से जूझ रहा है। 7 एक्स वेलफेयर टीम के सदस्य श्री निशा राय और श्रेया शर्मा ने बताया कि सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेहतर और सुरक्षित सड़क की आवश्यकता बढ़ रही है और इस तरह की परियोजनाएं ही इसे जल्द एक वास्तविकता बना देंगी।