नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर. विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी राहुल लोधी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 5(स) सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व आठ हजार रूपये अर्थदण्ड एवं भा.द.वि. की घारा-366 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक(अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्षन में विषेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की । घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 23.05.2021 को अभियोक्त्री के पिता द्वारा आरक्षी केन्द्र नरयावली में अभियोक्त्री के दिनांक 22.05.2021 को गुम हो जाने संबंधी सूचना दर्ज कराई गई जिसके आधार पर थाना नरयावली के अपराध क्रमांक 193/2021 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की लेख की गई कि दिनांक-22.05.21 को रात्रि करीब 10 बजे वह अपने परिवार के साथ खाना खाकर सो गया था जो सुबह करीब 3 बजे पत्नी जंगल चली गई थी फिर उसने सुबह 6 बजे उठकर देखा तो उसकी लड़की अपने कमरे मंे नही थी तो उसने अपनी पत्नी से फोन लगाकर पूछा कि अभियोक्त्री उसके साथ है तो उसने बताया कि अभियोक्त्री उसके साथ नही है फिर उसने आसपास तलाश कर रिश्तेदारों को फोन लगाया किंतु अभियोक्त्री का कोई पता नही चला। उसी समय से गांव के राहुल लोधी भी नही है जिस पर अभियोक्त्री को अपने साथ ले जाने का संदेह जाहिर करते रिपोर्ट दर्ज कर भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363, 366, 376(2)(द) एवं पाॅक्सो एक्ट, 2012 की धारा 5(एल)/6 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया एवं विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहाॅं विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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