112वें दिन कांग्रेस झुग्गी-झोपडी प्रकोष्ठ के सदस्य धरने पर बैठे


बिलासपुर. अखण्ड धरना के 112वें दिन धरने में कांग्रेस झुग्गी झोपडी प्रकोष्ठ बिलासपुर के सदस्य शामिल हुये। गौरतलब है कि बिलासपुर एयरपोर्ट से महानगरों तक सीधी हवाई सुविधा के लिए चल रहे जनआंदोलन में अब तक मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि के लोगो की भागीदारी अधिक थी, परन्तु आज झुग्गी झोपडी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिलीप पाटिल के नेतृत्व में बडी संख्या में लोगो ने आंदोलन में भाग लिया। प्रकोष्ठ के वक्ताओं के अनुसार की हवाई सुविधा आने से वे भले ही स्वयं हवाई यात्रा न करे परन्तु इससे रोजगार और व्यवसाय के नये साधन खुलेगे और बिलासपुर का तेजी से विकास होगा, जिसका लाभ झुग्गी झोपडी वालों तक पहुंचेगा। सभा में बोलते हुये प्रकोष्ठ के कुन्दन राव कामले और जहूर अली ने जोर देकर रेल्वे जोन आंदोलन की याद दिलाते हुये कहा कि बिलासपुर को हमेशा संघर्ष के रास्ते से ही सफलता मिलती है और आज इस लडाई में झुग्गी झोपडी के भी लोग शामिल हो जाने से अब यह आंदोलन सभी वर्गो का आंदोलन बन गया है। प्रकोष्ठ के ही ओर से बेालते हुये डाॅ. चन्द्रशेखर खूंटे और उमाशंकर शर्मा ने पिछले 20 सालों में हवाई सुविधा न होने के कारण बिलासपुर में कई बडी कंपनियों के कार्यालय, बडे होटल, बडे अस्पताल और बडे शिक्षा संस्थान न खुल पाने की बात कहते हुये कहा कि अब हम अपनी उपेक्षा बर्दाशत नही करेगे। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिलीप पाटिल के अनुसार वे लम्बे समय से इस आंदोलन में भागीदारी करना चाह रहे थे परन्तु उनकी इच्छा थी कि प्रकोष्ठ के सदस्य स्वस्फूर्त इसमें भाग ले। आज उन सभी ने हवाई सुविधा के लाभों के बारे में जागृति आ गयी है और आज से आंदोलन के हर कदम में पूरा संगठन साथ रहेगा। समिति ने रनवे विस्तार हेतु सेना से जमीन वापसी कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग की. समिति के द्वारा आज राज्य सरकार से यह मांग की गयी कि एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए सेना के लिए अधिगृहीत की गयी 980 एकड जमीन में से 100 एकड जमीन की वापसी के लिए आवश्यक प्रस्ताव केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय भेजा जाये। गौरतलब है कि गत दिनों माननीय उच्च न्यायालय द्वारा की गयी सुनवाई में भी यह मुद्दा उठा था और 27 जनवरी के आदेश मेें माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को रनवे के 2500 मीटर तक विस्तार के लिए आवश्यक भूमि सेना से वापस लिये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। इस संबंध में अब तक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित हेै। आज की सभा का संचालन अभिशेक चौबे और आभार प्रदर्शन मनोज तिवारी के द्वारा किया गया। आंदोलन मे आगमन के क्रम से यशोदा पाटिल, मधु सिंह, प्रशांत तिवारी, राघवेन्द्र सिंह, अशोक भण्डारी, बद्री यादव, देवेन्द्र सिंह बाटू, संतोश पिपलवा, केशव गोरख, हरमेन्द्र शुक्ला, मंजीत यादव, शेख तहरीमा, कैलाश गुप्ता, संजय यादव, राकेश तिवारी, विजय वर्मा, संध्या पाण्डेय, लल्लू निर्मलकर, दीपक गुप्ता, अजय काले, सुभाष ठाकुर, योगेश पिल्ले, लक्ष्मी नारायण यादव, सत्यनारायण वर्मा, गोलू साहू, पवन चंन्द्राकर, सूर्यांश पाण्डेय, अनिमेल मूल, मोहन मोहदीकर, अमन शुक्ला, नीरज रजक, शरद पाण्डेय, नीथल गोहिल, प्रियांशु मिश्रा, अविनाश सिंह, सन्नी श्रीवास, राकेश साहू, लाला यादव, वरूण कैवत्र्य, राजू धु्रव, राहुल धु्रव, राहुल यादव, रविकान्त, कृष्णा यादव, लाला पेरियार, रमेश वर्मा, संतोष यदू, मनोज साहू, राहुल नेताम, राजो यादव, नरेन्द्र रामटेके, अमित कुमार नागदेव, राजू नामदेव, द्वारिका प्रसाद चेलकर, पोशण राजपूत, संजय वैष्णव, रमेश कुमार, सालिक राम, दुखूराम, अनिल कुमार राजपूत, आश्विन कुमार, चन्द्रप्रकाश, किशन चन्द्र, नकुल कुमार, रामप्रसाद, मनहरण साहू, शिवकुमार, गोपाल राजपूत, मूलचन्द्र राजपूत, एन.के.वर्मा. संतोश कुमार साहू, छेदीलाल मारखण्डे व सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

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