पत्रकार वार्ता : नए साल के पहले दिन ही मोदी सरकार ने हमें नई महंगाई का तोहफा दिया
रायपुर. अखिल भारतीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महाराष्ट पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे की छत्तीसगढ़ पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम की उपस्थिति में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। पत्रकार वार्ता की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य एवं पूर्व विधायक स्व. रमेश वर्ल्यानी और प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता स्व. एम.ए. इकबाल को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा मृत आत्मा की शांति के लिये उपस्थित पत्रकार साथियों एवं कांग्रेसजनों ने 2 मिनट का मौन धारण किया।
महंगाई की मार-नए साल का मोदी उपहार
सभी देशवासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं। आपका नया साल मंगलमय हो, सुख-समृद्धि प्रगति उत्साह से भरा रहे। याद कीजिए हम हर नए वर्ष पर एक दूसरे की समृद्धि की कामना करते हैं, बधाई देते हैं। मगर कभी आपने सोचा है कि हमारी सरकार हमारी सुख-समृद्धि के लिए हमें नए वर्ष पर क्या दे रही है, हमारे लिए क्या कामना कर रही है? तो हम बताते हैं, बीते सात वर्षों की तरह इस वर्ष भी देश की जनता को जो उपहार मोदी सरकार द्वारा दिया जा रहा है, वो है-‘महंगाई की मार का उपहार’।
2022 के पहले दिन ही मोदी सरकार ने हमें नए साल का तोहफा 2022 की नई महंगाई के रूप में दे डाला। यह नई महंगाई और इसके साथ 2021 के पूरे साल में लगभग 10 प्रतिशत की ऊँची बेरोजगारी दर।
क्या इसके लिये हमें मोदी जी को धन्यवाद देना चाहिए?
महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। नवंबर 2021 में होलसेल प्राईज इंडैक्स 14.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था। नए साल में इसका प्रभाव बहुत जल्दी महसूस होने लगेगा।
इसलिए नए साल में प्रवेश करते हुए हमें हर सामान, चाहे वो दैनिक उपयोग का हो या सुख-समृद्धि का, रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों, या स्टील, सीमेंट व बिजली, सब पर हमें और ज्यादा पैसा खर्च करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। रोजमर्रा के कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल या एटीएम से पैसे निकालने तक या फिर टोल टैक्स, हर चीज महंगी होने वाली है।
1 जनवरी 2022 से मोदी निर्मित अत्यधिक महंगाई के कारण हमारे जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव देखिएः-
1 कपड़े होंगे ज्यादा महंगे
फिनिश्ड गुड्स जैसे कपड़े, वस्त्र आदि सभी सामान 1 जनवरी 2022 से और ज्यादा महंगे हो जाएंगे, क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार इन सामानों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर रही है। 1000 रू. तक की कीमत वाले वस्त्रों पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही कपड़ों, बुने हुए वस्त्रों, रूमाल, तौलियों आदि तथा आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होजियरी आईटम्स जैसे मोजे, टॉवल, सूती साड़ी, इनर वियर, शर्ट-पैंट तथा सिंथेटिक यार्न, कंपल, टैंट एवं एक्सेससरीज जैसे टेबल पर बिछाने वाले कपड़ों आदि पर भी जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गयी है। कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस शासित प्रदेशों के विरोध के चलते तथा 5 राज्यों के चुनाव सामने देख कर इस बढ़ोत्तरी को आनन-फानन में 28 फरवरी तक मुल्तवी कर दिया गया है। चुनावों के कारण शायद यह तिथि 1 महीना और बढ़ जाए। गौर रहे कि निर्णय वापस नहीं लिया गया। चुनाव होते ही जनता पर यह टैक्स फिर लगा दिया जाएगा।
इसका दुष्परिणाम क्या होगा-
ऽ जीएसटी बढ़ाए जाने से कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा नौकरियां समाप्त हो जाएंगी।
ऽ देश में वस्त्रों का 80 फीसदी उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है। वस्त्रों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने से पॉवरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के व्यवसाय व रोजगार के अवसर छिन जाएंगे।
ऽ कच्चे माल जैसे सूत, पैकिंग, सामग्री एवं माल ढुलाई के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि से जल्द ही बाजार में कपड़ों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। गारमेंट इंडस्ट्री के मुताबिक 85 फीसदी कपड़ों की बिक्री 1000 रू. से कम कीमत की होती है।
2 जूते-चप्पल की भी बढ़ेंगी कीमतें
जूते-चप्पल (प्रति जोड़ा 1000 रू. तक की कीमत वाले) पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। यह गरीब तथा आम जनमानस पर प्रहार है।
3 एफएमसीजी ( Fast Moving Consumer Goods) उपभोक्ता वस्तुओं में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी
एफएमसीजी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बढ़ेगी। वो डाबर हो, पारले, ब्रिटानिया, मैरिको या अन्य कंपनियां, सबके सब बिस्कुट से लेकर साबुन तक की कीमतें बढ़ा रहे है।
4 एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिये देना होगा और टैक्स
आरबीआई ने निःशुल्क ट्रांजैक्शन की निर्धारित सीमा पूरी होने के बाद एटीएम से कैश निकालने पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। आरबीआई के मुताबिक, निःशुल्क ट्रांजैक्शन की सीमा पूरी होने के बाद, बैंक अपने ग्राहकों से 21 रू. प्रति ट्रांजैक्शन शुल्क की वसूली करेंगे।
5 ऑनलाईन/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी अब पड़ेगी जेब पर ज्यादा भारी
ओला और ऊबर जैसे ऐप एग्रीगेटर्स द्वारा ऑटो रिक्शा की राईड्स बुक करने पर ज्यादा पैसे चुकाने के लिये तैयार हो जाईये। 1 जनवरी से सरकार मौजूदा छूट को समाप्त कर ऑनलाईन ऑटो राईड बुक करने पर 5 प्रतिशत का जीएसटी शुल्क वसूलना शुरू कर देगी।
6 कार या ऑटोमोबाईल खरीदना हो जाएगा महंगा
नए साल, 2022 में मारूति सुजुकी, रेनॉल्ट, होंडा, टोयोटा और स्कोडा सहित लगभग सभी कार एवं ऑटो कंपनियों की कारें खरीदना और ज्यादा महंगा हो जाएगा। लागत बढ़ने के कारण ऑटो कंपनियां कीमतों में बढ़ोत्तरी करेंगी। टाटा मोटर्स ने 1 जनवरी 2022 से अपने कमर्शियल वाहनों के मूल्य में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है।
7 सीमेंट की कीमतें बढ़कर हो जाएंगी 400 रू. प्रति बैग
2021 में भी सीमेंट की कीमतें 15 प्रतिशत-20 प्रतिशत तक बढ़ी। हालत यह है कि एक साल पहले तक 330 रू./340 रू. में बिकने वाला सीमेंट का 50 किलो का बैग अब 400 रू. पार करने की तैयारी में है।
8 स्टील की कीमत भी आसमान पर पहुंची
साल 2020 से दिसंबर 2021 के बीच स्टील की कीमतों में स्टील कंपनियों ने 215 प्रतिशत वृद्धि की। अकेले नवंबर 2021 में स्टील कंपनियों ने स्टील की कीमत 3000 रू-3500 रू. प्रति टन बढ़ाई। कारण-स्टील उद्योग में कंपटिशन खत्म और अब ये मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ में है-टाटा स्टील, जिंदल स्टील, आर्सलर, मित्तल स्टील। मोदी सरकार की मूक सहमति है, कीमतें बढ़ रही है और लोग पिस रहे हैं। 2022 में फिर कीमतें बढ़ाने की तैयारी है।
9 इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने शुल्क बढ़ाया
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) खाताधारकों को 1 जनवरी से एक विशेष सीमा के ऊपर कैश निकालने या जमा करने के लिए शुल्क देना पड़ेगा। बेसिक बचत खाते से हर माह 4 बार पैसा निकालना निःशुल्क होगा। इसके बाद, हर बार पैसा निकालने पर 0.50 प्रतिशत शुल्क अदा करना होगा।
नए साल के इन उपहारों के लिए मोदी जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
जानिए 2014 में सत्ता में आने के बाद, बीते सात सालों में मोदी सरकार ने महंगाई से कैसे आपको लूटा है :-
ऽ 71 रू. प्रति लीटर का पेट्रोल और 56 रू. प्रति लीटर का डीजल 100 रू. पार कर दिया।
ऽ 400 रू. का खाना बनाने की गैस का सिलेंडर 1000 रू. पार कर दिया।
ऽ खाने का तेल 90 रू. से बढ़ाकर 200 रू. से 250 रू. तक कर दिया।
ऽ ‘दाल’ के दाम 60 रू. प्रति किलो से बढ़कर 150 रू. किलो को पार कर गए।
ऽ लोग सुकून से एक चाय की प्याली भी नहीं पी सकते। 120 रू. किलो की चाय अब 300 रू. से 400 रू. किलो तक महंगी हो गई है। इतना ही नहीं, जिस जनता का नमक खाकर सत्ता की सौगंध खाई थी, भाजपा के लोगों ने उस नमक के साथ भी धोखा किया। नमक की कीमत भी 12 रू. प्रति किलो से बढ़कर 22 रू. प्रति किलो तक हो गई है। दाल, चना, राजमा, टमाटर, प्याज, सब्जी-हर खाने-पीने की चीज गरीब की थाली से दूर होती जा रही है।
साफ है कि देश की जनता कह रही हैः-
1. मोदी है तो महंगाई है।
2.मोदी सरकार ही महंगाई है।
3. मोदी और महंगाई, दोनों देश के लिये हानिकारक है।