हसदेव अरण्य को बचाने भाजपा के सांसदों ने अब तक क्या किया जनता को बताएं?
रायपुर. हसदेव मामले में कांग्रेस ने भाजपा सांसदों को घेरा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खदान आबंटन के बाद उठे जनविरोध के स्वर के बाद भाजपा सिर्फ राजनीति कर रही है। कोल खदान आबंटन में मोदी सरकार के मनमानी पर पर्दा करने भाजपा ओछी राजनीति कर रही है। जबकि पूरे देश को पता है कोयला खनन का विषय केंद्रीय सूची का विषय है। ऐसे में हसदेव अरण्य क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा दी गई खनन की अनुमति को रद्द कराने के लिए अब तक भाजपा के सांसदों ने क्या किया यह जनता को बताना चाहिए? क्या भाजपा के सांसदों ने केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर कोल खनन की अनुमति रदद् करने कोई पत्रचार किया हो तो उसे सार्वजनिक करें? क्या प्रधानमंत्री को हसदेव की जनता के भावनाओ से अवगत कराया गया है और जनता की इच्छानुसार हसदेव क्षेत्र में खनन प्रक्रिया बन्द करने की मांग की गई है? हसदेव अरण्य क्षेत्र के विषय में राजनीतिक बयानबाजी कर रहे भाजपा के सांसद आखिर खनन को रद्द कराने के विषय में मोदी शाह से चर्चा करने में डरते क्यों हैं? छत्तीसगढ़ की भावनाओ को जनसमस्यो को अपनी सरकार के आगे रखने में उन्हें किस बात का डर है? क्या उन्हें अपनी संसदीय जाने का खतरा लगता है या भाजपा सांसदों को निर्देश है कि वो हसदेव अरण्य के मामले में सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही बयानबाजी कर राजनीति करते रहे जनता को दिग्भ्रमित करते रहे है ताकि मोदी के मित्र मंडली अपने व्यापारिक मनसूबे में कामयाब हो जाये? भाजपा के निष्क्रिय और डरपोक सांसदों के चलते छत्तीसगढ़ के साथ केंद्र सरकार हमेशा दबावपूर्ण, भेदभाव और सौतेला व्यवहार कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हसदेव अरण्य क्षेत्र के जनता और जनप्रतिनिधियों के भावनाओं के अनुरूप अपने शक्तियों का उपयोग करते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना फेस-2 के तहत निजी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही साथ ही केते एक्सटेंशन की पर्यावरणीय की जनसुनवाई की प्रक्रिया को रोक दी है । अब भाजपा और भाजपा के सांसदों की जिम्मेदारी है कि वह छत्तीसगढ़ की जनता के भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खनन के लिए दी गई अनुमति को रद्द करवाएं या अपने पदों से इस्तीफा दे दें?