May 9, 2024

सामान्‍य Comet से 1 हजार गुना बड़ा धूमकेतु मिला, 10 साल बाद आएगा Earth के करीब


पेंसिल्‍वेनिया. सौर मंडल (Solar System) में धरती (Earth) से बहुत दूर एक विशाल धूमकेतु (Giant Comet) मिला है. यह सामान्‍य धूमकेतु से करीब 1 हजार गुना बढ़ा है. इसे अब तक मिले धूमकेतु में सबसे बड़ा धूमकेतु (Biggest Comet) माना जा रहा है. अमेरिका (US) की पेंसिल्‍वेनिया यूनिवर्सिटी के स्‍टूडेंट्स पेड्रो बर्नार्डिनेली और खगोलविद गैरी बर्नस्टीन द्वारा खोजे गए इस धूमकेतु को C/2014 UN 271 या बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन (Bernardinelli-Bernstein) नाम दिया गया है.

सामान्‍य धूमकेतु से 10 गुना चौड़ा 

खगोलविदों का अनुमान है कि इस बर्फीले पिंड का व्यास 62 मील से 124 मील (100 से 200 किमी) हो सकता है, जो कि सामान्य धूमकेतु से लगभग 10 गुना ज्‍यादा चौड़ा है.

Space.com में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल साइंस फाउंडेशन के नेशनल ऑप्टिकल-इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी रिसर्च लेबोरेटरी (NOIRLab) के बयान में बर्नस्‍टीन ने कहा है, ‘अब तक जितने भी धूमकेतु दिखाई दिए हैं, हमने शायद उनमें से सबसे बड़ा धूमकेतु खोजा है. हालांकि इसके आकार को लेकर हमारा अनुमान काफी मोटा है, क्योंकि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर है और इसके आकार की गणना इस आधार पर की गई है कि यह सूर्य की कितनी रोशनी को रिफ्लेक्‍ट कर रहा है. ऐसा लगता है कि यह धूमकेतु 2031 में हमारे ग्रह के सबसे करीब होगा. हालांकि तब भी वह बहुत दूर यानी कि 11 AU दूर होगा.’

सूरज से करोड़ों किलोमीटर दूर है यह धूमकेतु 

यह धूमकेतु सूर्य (Sun) से लगभग 20 एस्‍ट्रानॉमिकल यूनिट (AU) दूर है. एक एयू से मतलब पृथ्वी से सूर्य की दूरी है, जो कि करीब लगभग 93 मिलियन मील या 15 करोड़ किलोमीटर है.

धूमकेतु बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन के आकार के अलावा एक और खास बात यह है कि इसने 30 लाख साल से आंतरिक सौर मंडल की यात्रा नहीं की है. इस धूमकेतु की उत्‍पत्ति सूर्य से करीब 40 हजार AU ऊर्ट क्लाउड में हुई थी, जो अंतरिक्ष का वो सुदूर और विशाल क्षेत्र है, जिसके बारे में अवधारणा है कि उसमें खरबों धूमकेतु हैं.

तस्‍वीरों को जूम करके देखते वक्‍त मिला यह धूमकेतु  

यह धूमकेतु तब मिला जब चिली के सेरो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी में दोनों रिसर्चर 570-मेगापिक्सेल सीसीडी इमेजर की मदद से डार्क एनर्जी सर्वे टेलिस्‍कोप की फोटो को जूम करके देख रहे थे. इस सर्वे का मकसद रात के समय आकाश में 300 मिलियन आकाशगंगाओं की मेपिंग करना है. हालांकि इस दौरान आसमान की गहराईयों में देखने पर शोधकर्ताओं को कई धूमकेतु और ट्रांस-नेप्च्यूनियन ऑब्जेक्ट्स (TNO) भी मिले हैं, जो नेप्च्यून से बाहर चक्‍कर ला रहे हैं.

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