May 5, 2024

शराब घोटाले, शराबबंदी और धान खरीदी पर भाजपा के झूठ पर कांग्रेस की पत्रकार वार्ता

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारो को संबोधित करते हुये कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा छत्तीसगढ़ में झूठ के आधार पर राजनीति कर रही है। पहले ईडी को भेजकर गलत कार्यवाही करवाई जाती है, फिर ईडी के द्वारा तैयार की गयी पटकथा के आधार पर कांग्रेस सरकार पर घोटाले के झूठे आरोप लगाये जाते है। ईडी कार्यवाही करती है भाजपा नेता बयान देकर उसके राजनीति करते है इससे साबित होता है कि ईडी की कार्यवाही भाजपा की राजनैतिक साजिश का नतीजा है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर साढ़े चार साल में एक भी रू. का भ्रष्टाचार का प्रमाणिक आरोप नहीं लगा पाने वाली भाजपा ने सरकार को बदनाम करने ईडी को आगे कर साजिश रचा और घोटाले के झूठे आरोप प्रचारित किये जा रहे है। प्रधानमंत्री ने अपने पद की मर्यादा को तार-तार कर शराब बंदी से शराब घोटाले का जोड़ कर झूठ बोला।


ईडी की झूठी पटकथा पर सरकार को बदनाम करने की साजिश

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेता ईडी की पटकथा के आधार पर आरोप लगा रहे की छत्तीसगढ़ में बिना एक्साइज ड्यूटी पटाये शराब बिक्री करने से 2168 करोड़ का घोटाला हुआ है। यदि ईडी के आरोप सही है तो ईडी ने शराब निर्माण के विक्रय के डिस्टलरो के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं किया? ईडी की कार्यवाही कही सुनी बातो के आधार पर बिना तथ्य के है। राज्य मे 2012 मे रमन सरकार ने देशी शराब के उत्पादन का अधिकार मात्र राज्य के ही मात्र 3 डिस्टलरों को मिल गया था अन्य किसी डिस्टलर को उत्पादन निविदा मे भाग लेने का अधिकार समाप्त हो गया था। रमन सरकार ने ही 2017 मे शराब विक्रय का एकाधिकार सरकारी कम्पनी को सौपा। शराब करोबार के लिए मेन पावर प्लेस मेन्ट एजेंसियो से लेना शुरू किया तथा देशी शराब कि आपूर्ति पूर्व पंजीकृत 3 ठेकेदारों से होती रही रमन सरकार के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष मे शराब से कुल राजस्व 3900 करोड़ था। राज्य मे कांग्रेस कि सरकार बनने के बाद शराब नीति मे कोई परिवर्तन नहीं किया गया व्यवस्था भी पूर्ववत रही उसके बावजूद वर्ष 2023 रमन राज कि अपेक्षा शराब का राजस्व 3900 से बढ़ के 6500 करोड़ हो गया। कांग्रेस सरकार के राज मे तो राजस्व बढ़ा है इसका मतलब यदि गड़बड़ी है तो रमन राज मे थी। बिना एक्साईज ड्यूटी शराब बेचने कि शिकायत कि जाँच भी राज्य सरकार 3 डिस्टलरों के खिलाफ करवा रही है। डिस्टलर पर कार्यवाही से भाजपा क्यों तिलमिला रही है? डिस्टलर के साथ रमन सिंह के क्या संबंध है? क्या भाजपा नेता डिस्टलरों के पार्टनर है? रमन सिंह ने डिस्टलरों को फायदा पहुंचाने, डिस्टलरों के माध्यम से शराब में घोटाला करने 138 साल पुरानी शराब नीति को बदला था?

4400 करोड़ का शराब घोटाला रमन सरकार में हुआ


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के दौरान दो केबिनेट मंत्री शराब के अवैध कमाई को लेकर भिड़े थे। रमन सिंह के राज में शराब नीति में परिवर्तन करके तथा शराब के ब्रांडों के रेट के निर्धारण में गड़बड़ी करके 4400 करोड़ का शराब घोटाला किया था। जैसे शराब नीति में दिल्ली में परिवर्तन किया गया वैसा ही परिवर्तन रमन राज में छत्तीसगढ़ में हुआ। वैसे ही घोटाले में दिल्ली में उपमुख्यमंत्री जेल में जा सकता है तो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी की जांच क्यों नहीं हो सकती है?

शराब बंदी गंगाजल से जोड़ना भाजपा का महापाप


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि शराब बंदी को लेकर भाजपा लगातार झूठ बोल रही है। रमन सिंह गंगाजल की दुहाई देकर झूठ बोलते है कि कांग्रेस ने शराब बंदी को लेकर गंगाजल की कसम खाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भाजपा ने झूठ बोलवाया कि कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर गंगाजल की कसम खाया था। कांग्रेस ने कभी भी अपने जनघोषणा पत्र के वायदों और शराब बंदी को लेकर कभी गंगाजल की सौगंध नहीं खाया था। कांग्रेस ने केवल किसानों की कर्जमाफी करने के लिये गंगाजल की कसम खाया था जिसे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने तीन घंटे के अंदर भूपेश बघेल ने पूरा कर दिया था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 19 लाख किसानों के 10 हजार करोड़ रू. का कर्जा माफ किया था। कांग्रेस सरकार शराबबंदी की दिशा में काम कर रही है। 150 से अधिक शराब दुकानें बंद की गई। शराब बंदी के गठित कमेटी में भाजपा के विधायक क्यों शामिल नहीं हुई? शराब बंदी के लिये चलाये जा रहे जन जागरूकता अभियान का परिणाम है शराब की खपत में कमी आई है।

रमन सिंह ने शराब को प्रश्रय दिया

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि शराबबंदी की बात करने वाले रमन सिंह सरकार में रहते शराब का सरकारीकरण करने के बजाय शराबबंदी क्यों नहीं की? उन्होंने सार्वजनिक घोषणा किया था चुनाव हार जाऊं कोई बात नहीं शराब बंदी लागू करूंगा फिर शराब का सरकारीकरण क्यों किया? राज्य निर्माण के वक्त शराब से राजस्व 300 करोड़ था यानि शराब की खपत कम थी भाजपा की मंशा शराब बंदी होती तो उस दिन शराब बंद होता लेकिन भाजपा ने प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाई, काली कमाई की।

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