May 11, 2024

डॉ. ने बताया टाइम पर पीरियड नहीं आने का कारण, जानें क्यों रुक जाता है Menstrual cycle

कई बार महिलाएं डेट निकल जाने के बाद पीरियड न आने को लेकर परेशान रहती हैं। एक्सपर्ट ने रेगुलर पीरियड्स ने आने की कई वजहें बताई हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी जरूरी है।

मासिक धर्म (Menstrual cycle) एक महिला के स्वास्थ्य का सूचक है। पीरियड्स (Menstrual flow) आमतौर पर हर 21-35 दिनों में आते हैं और दो से सात दिनों तक इनका ड्यरेशन होता है। वैज्ञानिक तौर पर यह एक हार्मोनल प्रोसेस है जो महिला के यौवन (puberty) की शुरुआत से लेकर रजोनिवृत्ति (menopause) चल चलती है। हालांकि, ऐसी कई महिलाएं हैं जिनके रेगुलर पीरियड आने में समस्याएं आती हैं। हर माह पीरियड्स नहीं आने की इस समस्या को एमेनोरिया (Amenorrhea) भी कहा जाता है।

शारदा अस्तपाल की डॉ. नीरजा गोयल और डॉ. मेघा रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, जब किसी महिला को रेगुलर पीरियड्स नहीं आते तो उसे मेडिकल टर्म में एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है। उन्होंने आगे बताया कि एमेनोरिया दो प्रकार का होता है। इस आर्टिकल में हम आपको अनियमित मासिक धर्म के कारणों को लेकर जानकारी दे रहे हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं….
​एमेनोरिया है Irregular periods की वजह

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शारदा अस्तपाल की डॉ. नीरजा गोयल और डॉ. मेघा रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, जब किसी महिला को रेगुलर पीरियड्स नहीं आते तो उसे मेडिकल टर्म में एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है। उन्होंने आगे बताया कि एमेनोरिया दो प्रकार का होता है।

1. प्राइमरी एमेनोरिया: जब आप पहली बार आपके पीरियड की शुरुआत काफी लेट होती है। मासिक धर्म की उम्र 14 से 16 साल के बीच है। लेकिन इससे लेट होता है तो आप एमेनोरिया की स्थिति में हैं।

2. सेकेंडरी एमेनोरिया: जब आप लगातार तीन महीने या उससे अधिक समय तक पीरियड मिस करती हैं।

 

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  • सिरदर्द (Headache)
  • दृष्टि परिवर्तन (Vision changes)
  • मतली (Nausea)
  • चेहरे पर अतिरिक्त बाल (Extra facial hair)
  • बालों का झड़ना (Hair loss)
  • स्तन के आकार में परिवर्तन (Changes in breast size)
  • ब्रेस्ट से स्राव (Milky fluid from breasts)
​प्राइमरी Amenorrhea के कारण

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डॉ रंजन और डॉ गोयल का कहना है कि प्राथमिक एमेनोरिया के मुख्य कारणों में फैमिली हिस्ट्री, जेनेटिक इशू और लाइफस्टाइल शामिल हैं।
  • एमेनोरिया या जल्दी रजोनिवृत्ति की फैमिली हिस्ट्रीजेनेटिक या chromosomal डिफेक्टस ये आपके अंडाशय के कार्य (ovary function) और मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। टर्नर सिंड्रोम (Turner Syndrome) एक उदाहरण है।
  • बहुत अधिक या कम वजन का होना।
  • eating disorder यानि खाने का विकार।
  • एक स्ट्रीम एक्सरसाइज पैटर्न।
  • खराब आहार का लेना।
  • तनाव।

​सेकेंडरी एमेनोरिया के कारण

गर्भावस्था, स्तनपान और मेनोपॉज से सेकेंडरी एमेनोरिया (secondary amenorrhea) के कारण हैं। इसके अन्य संभावित कारणों में गर्भ निरोधक गोलियां, इंजेक्शन या Intrauterine डिवाइस शामिल हैं। इस तरह की चीजों के प्रयोग से महिलाओं के पीरियड्स प्रभावित होते हैं।
​इलाज

विशेषज्ञों ने महिलाओं को इन दोनों विकारों की जांच के लिए ब्लड टेस्ट कराने का सुझाव किया है।
  • थायरॉयड फंक्शन
  • ओवरी फंक्शन
  • टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का स्तर, जो PCOS का पता लगा सकता है।
  • एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) का स्तर।
​एमेनोरिया से राहत पाने के लिए बदलनी होगी लाइफस्टाइल

डॉक्टरों का कहना है कि एमेनोरिया से राहत पाने के लिए महिलाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। जैसे डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और स्ट्रेस। कुछ हार्मोनल दवाएं और गर्भनिरोधक गोलियां पीरियड को ट्रिगर करने में मदद कर सकती हैं।

हार्मोन थेरेपी के जरिए आपके हार्मोन को बैलेंस किया जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसकी सर्जरी दुर्लभ है, लेकिन कुछ मामलों में इसकी आवश्यकता हो सकती है।

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