दवा से भी अगर ठीक नहीं हो रही ये Health Problems, तो घर पर ही आजमाएं ये कारगर थैरेपीज
कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं कि उनके इलाज के लिए हमें डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता है, ऐसे में आप अपने इन कॉमन हेल्थ प्रॉबलम्स को दूर करने के लिए प्रचलित थैरेपी जैसे दूसरे ऑप्शन की मदद लेते हैं। लेकिन ऐसा करना तभी सही है जब हमें उनकी सही जानकारी हो।
बीमारियों की चपेट में आने पर हमें उनके इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता है। लेकिन कुछ ऐसी भी सेहत से जुड़ीं समस्याएं होती हैं जिन्हें बीमारी तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यूं ही नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। इन कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स को काफी हद तक दूर करने के लिए नेचुरल रेमेडीज और थैरेपियों की मदद ली जा सकती हैं। आइए जानते हैं कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए कुछ थैरेपी के बारे में।
यह एक बहुत ही कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम है। सिरदर्द होने पर जलचिकित्सा, सिंकाई, भाप और माथे पर बर्फ की थैली रखने से भी काफी फायदा मिलता है।
- एरोमाथैरेपी: लैवेंडर और गुलदाउदी के तेल से गर्दन के पिछले भाग और माथे पर मालिश सिरदर्द में कारगर है।
- एक्यूप्रेशर: सिर दर्द होने पर आप अपनी दोनों हथेलियों को सामने ले आइए। इसके बाद एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की जगह पर हल्के हाथ से मसाज कीजिए। ये प्रक्रिया दोनों हाथों में दो से चार मिनट तक दोहराइए। ऐसा करने से आपको राहत मिल सकती है।
कान का दर्द
कान में होने वाला दर्द दांत की जड़, जबड़ा, सिर और गले की नसों तक को प्रभावित करता है। सर्दी-जुकाम, कान में पानी जाना, चोट या इसके आसपास लगी चोट, फुंसी या जख्म, साधारण जलन की स्थिति में खुरचने, संक्रमण या एलर्जी से भी दर्द होता है।
- शेशु उपचार: कान के दर्द हेतु शेशु विधि में पहले सांस खींचिए, फिर सांस बाहर निकालिए। सांस बाहर निकालने के साथ ही कान और जबड़ों को जोड़ने वाले बिंदु पर प्रेशर डालिए। इससे दर्द दूर होता है।
- एक्यूप्रेशर: कान के नीचे की लोब के बीच मौजूद बिंदु, कान के नीचे की धारा पर जबड़े की बाहरी रेखा पर स्थित तीन बिंदुओं और कान के बाहरी पॉइंट्स पर प्रेशर बनाएं। दिन में 3-4 बार 20-20 सेकंड के लिए तर्जनी और अंगूठे से इन बिंदुओं पर हल्का दबाव बनाएं।
दांत में दर्द होना वैसे तो एक आम समस्या है, लेकिन ये बेहद असहनीय होता है। दांत दर्द की वजह से कई बार चेहरे पर सूजन भी आ जाती है और सिर में दर्द भी हो सकता है।
- हर्बल ट्रीटमेंट: अमरूद के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसकी ताजी पत्तियों को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें। इसमें नमक मिलाएं और कुल्ला करें। इससे दांत के दर्द में आराम मिलता है।
- शेशु विधि: अगर ऊपर के दांत में दर्द हो तो हाथ की उंगलियों को मिलाइए और अंगूठे के बगल में उठे हुए मांस के सिरे पर दूसरे हाथ के अंगूठे से दवाब डालिए। अगर दर्द नीचे के दांत में है तो आंख के नीचे गाल की हड्डी के बीच में अंगुलियों से प्रेशर दें। यह क्रिया सांसों के उतार-चढ़ाव के साथ-साथ थोड़ी देर पर करें, लाभ मिलेगा।
एरोमाथैरेपी : दर्द वाली जगह पर लैवेंडर और नींबू के अर्क को बादाम या गरपेसीड आयल में मिलाकर हल्के-हल्के रगड़ने से फायदा होता है। पिपरमिंट या यूकेलिप्टस ऑयल को पानी में खौलाकर इस पानी की भाप से सिंकाई करने पर भी साइनस के दर्द में आराम मिलता है। हर्बल ट्रीटमेंट: एल्डर फ्लावर के काढ़े में सौंठ का थोड़ा-सा पाउडर मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
शेशु विधि: इसके लिए पहले सांस खींचिए, फिर सांस छोड़िए। सांस छोड़ने के साथ ही अपने अंगूठे से 10 मिनट तक रह-रहकर टखने की हड्डी पर प्रेशर डालें और टिबिया के ठीक बगल में दवाब डालें। ऐसा करने से दर्द में आराम मिलता है। एरोमाथैरेपी: 3 से 4 बूंद लैवेंडर ऑयल, 1 चम्मच नारियल तेल और 1 चम्मच जोजोबा ऑयल को मिलाकर अपने दर्द की जगह यानि की पेट व कमर के निचले हिस्से पर लगा लें। इससे आराम मिलता है। इस उपाय को दिन में 1 से 2 बार आजमा सकते हैं। इसके अलावा आप लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदे गर्म पानी में डालकर, उसकी भाप भी ले सकती हैं।