May 19, 2024

हिंदी विश्‍वविद्यालय में परीक्षा पे चर्चा का आयोजन : प्रधानमंत्री के संबोधन का किया सीधा प्रसारण

वर्धा. परीक्षा पे चर्चा के 5 वें संस्करण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 1 अप्रैल को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत की। उन्होंने बातचीत से पहले कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित छात्रों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। कार्यक्रम का स्‍वागत वक्‍तव्‍य केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया। इस अवसर पर श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, डॉ. सुभाष सरकार, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह और श्री राजीव चंद्रशेखर सभागार में उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों की आभासी भागीदारी रही ।

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में परीक्षा पे चर्चा  कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्‍यवस्‍था गालिब सभागार, कस्‍तूरबा सभागार और दत्तोपंत ठेंगडी सभागार में की गई । इस अवसर पर गालिब सभागार में विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल, प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, कुलसचिव कादर नवा़ज खान,  अधिष्‍ठाता गण, अध्‍यापक, कर्मचारी तथा कस्‍तूरबा सभागार एवं दत्तोपंत ठेंगडी सभागार में शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में उपस्थित थे। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को विश्‍वविद्यालय के सभी आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर प्रसारित किया गया।  कार्यक्रम को फेसबुक के माध्‍यम से 62 हजार से अधिक दर्शकों तक पहुंचाया गया तथा यूट्यूब, फेसबुक तथा ट्विटर पर इसकी स्‍ट्रीमिंग की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले साल आभासी बातचीत के बाद अपने युवा मित्रों को संबोधित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि परीक्षा पे चर्चा उनका पसंदीदा कार्यक्रम है। उन्होंने विक्रम संवत नव वर्ष की शुरुआत का उल्लेख करते हुए छात्रों बधाई दी। । प्रधानमंत्री ने परीक्षा को लेकर तनाव के बारे में पूछने पर कहा कि वे तनाव में न रहें क्योंकि यह उनके द्वारा दी गई पहली परीक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली परीक्षाओं से उन्हें जो अनुभव मिला है, उससे उन्हें आगामी परीक्षाओं को पार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को अपनी तैयारी की ताकत पर ध्यान देना चाहिए और अपने दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या में तनावमुक्त और स्वाभाविक रहना चाहिए। दूसरों की नकल के रूप में कुछ भी करने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन अपनी दिनचर्या के साथ रहें और आराम से काम करें।

ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पढाई को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्‍होंने कहा कि यह माध्यम की नहीं बल्कि मन की समस्या है।  चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, जब मन पढ़ाई में लगा हो तो परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि छात्रों को शिक्षा में नई तकनीकों को अपनाना चाहिए। सीखने के नए तरीकों को एक अवसर के रूप में लिया जाना चाहिए, चुनौती के रूप में नहीं। उन्होंने दूसरों के गुणों की सराहना करने और उनसे सीखने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमें ईर्ष्या के बजाय सीखने की प्रवृत्ति रखनी चाहिए। जीवन में सफलता के लिए यह क्षमता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब वह युवा छात्रों के साथ बातचीत कर रहे होते हैं तो वह 50 साल छोटे महसूस करते हैं। उनका कहना था कि, “मैं आपकी पीढ़ी के साथ जुड़कर आपसे सीखने की कोशिश करता हूं। जैसे-जैसे मैं आपसे जुड़ता हूं, मुझे आपकी आकांक्षाओं और सपनों की झलक मिलती है और मैं अपने जीवन को उसके अनुसार ढालने की कोशिश करता हूं। इसलिए यह कार्यक्रम मुझे बढ़ने में मदद कर रहा है। मुझे अपनी मदद करने और बढ़ने के लिए समय देने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं”।

अंत में प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम का संचालन करने वाले छात्रों को बुलाया और उनके कौशल और आत्मविश्वास की सराहना की। उन्होंने दूसरों में गुणों की सराहना करने और उनसे सीखने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता को दोहराया। उन्‍होंने कहा कि हमें ईर्ष्या के बजाय सीखने की प्रवृत्ति रखनी चाहिए। जीवन में सफलता के लिए यह क्षमता महत्वपूर्ण है।

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