May 19, 2024

आदिवासियों की मांगे नहीं हुई पूरी, आम आदमी पार्टी आज करेगी मुख्यमंत्री निवास का घेराव

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में आदिवासी लगातार विरोध कर रहे है और पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला खदान को मंजूरी दे दी है। यह कोयला खदान दूसरे कांग्रेसी राज्य राजस्थान को आवंटित किया गया है।
सरकार के कहने पर ही भारत सरकार की संस्था वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (WII)ने हसदेव अरण्य का अध्ययन कर पिछले साल ही रिपोर्ट सौंपी है। WII ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा था कि यहां एक भी कोयला खदान को मंजूरी देने के विनाशकारी परिणाम होंगे, जिसे रोक पाना असंभव होगा। WII (वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट अनुसार *मध्यभारत का फेफड़ा* कहे जाने वाले हसदेव अरण्य के इलाके में नये खदान की मंजूरी से जंगल का विनाश तो होगा ही, जंगल में रहने वाले हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू जैसे जानवरों का भी जीवन खतरे में आ जाएगा। साथ ही हाथी मानव संघर्ष भी अत्याधिक  बढ़ेगा।
WII की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की मार झेल रहे मध्य भारत के सबसे घने जंगलों के विनाश से तापमान में औऱ बढ़ोत्तरी होगी और पानी संकलन में कमी के चलते सूखा पड़ने की आशंका है।
हसदेव अरण्य के गांव में ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो वे आदिवासियों के साथ खड़े रहेंगे और कोयला खदान नहीं  खुलने देंगे।  सरकार बनने के बाद सब कुछ भूलकर कांग्रेस सरकार ने खदानों को मंजूरी देना शुरु कर दिया गया है और इसी तरह के वादे अब राहुल गांधी दूसरे चुनावी राज्यो में भी कर रहे है। यह बेहद गलत है,और इससे सरकार की नीयत और वादा खिलाफी पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है।
कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी बार-बार अपने भाषणों में भाजपा की केंद्र सरकार को अडानी अंबानी की सरकार कहकर  उल्लेख करते रहे हैं, लेकिन यह दिलचस्प है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही अपना कोयला खदान एमडीओ के आधार पर अडानी को सौंप दिया है। राजस्थान सरकार को जो परसा कोयला खदान सौंपा गया है, कांग्रेस पार्टी की राजस्थान सरकार ने इस परसा खदान को भी एमडीओ का अनुबंध कर के पूरी तरह अडानी कंपनी को सौंप दिया है।
आम आदमी पार्टी ने खनन स्थल पर जाकर प्रदर्शन करते हुए , प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के नेतृत्व में अंबिकापुर में भी लोगो को संबोधित करते हुए ज्ञापन दिया। कोमल हुपेंडी ज्ञापन कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ का जनता व हसदेव के लोगो के संघर्ष में साथ देने का शंखनाद किया। कोमल हुपेंडी ने कहा कि सरकारें अडानी की गोद मे जाकर बैठ चुकी है लेकिन हम हसदेव अभ्यारण्य में खदानों के कोई काम नही होने देंगे चाहे हमें कुछ भी करना पड़े। इतने विरोध के बावजूद भी सरकार सुप्त अवस्था में है।
हम प्रदेश सरकार से मांग करते है कि 
1-फर्जी ग्राम सभा की जांच करवाई जाए
2- WII की रिपोर्ट को संज्ञान में ले सरकार और तुरंत पेड़ कटाई बंद करवाया जाए और आदेश से पहले पेड़ कैसे काटे गए इसकी जांच हो।
3- पाँचवी अनुसूचित इलाके का नियम का पालन हो, ताकि फर्जी तरह से काम बंद हो।
आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों की टीम जब गाँव वालों के साथ मिलकर जंगलों में गई जहां पेड़ो को काटने का काम देर रात में किया गया है। वहाँ मौके पर  हालात को देख यह पाया गया कि बड़े बड़े लगभग 300 पेड़ो को रातों रात काट दिया गया। ये पेड़ महुआ, साल के बड़े बड़े पेड़ थे, साथ ही तेंदू पत्ते के छोटे झाड़ को भी नुकसान हुआ। गाँव के आनंदराम ने बताया कि इन पेड़ों से लगभग 50,000 का महुआ हमने बेचा था और प्रतिदिन तेंदू पत्ता संकलन से 1000 की कमाई होती है और इसी काम पर हम आदिवासी लोगो की आजीविका निर्भर है,जिसका आदिवासियों को बड़ा नुकसान हुआ है।
एकतरफ जलवायु परिवर्तन के लिए पौने 3 लाख करोड़ की कार्य योजना, दूसरी तरफ हसदेव अरण्य उजाड़ रहे, दोहरा मापदंड क्यों?*
आम आदमी पार्टी  ने राज्य की भूपेश सरकार पर पर्यावरण सम्बन्धी दोहरा मापदंड का आरोप लगाते हुए कहा है कि एकतरफ जलवायु परिवर्तन के लिए सरकार सिर्फ 5 जिलों लिए पौने 3 लाख करोड़ की कार्य योजना बनाती है और दूसरी तरफ हसदेव अरण्य क्षेत्र में 3-4 लाख पेड़ों को काटकर जंगल को उजाड़ा जा रहा है ऐसा दोहरा मापदंड क्यों? राज्य सरकार ने महासमुंद, बलरामपुर, बलौदाबाजार, मुंगेली और गरियाबंद में 10 वर्षों की जलवायु  परिवर्तन की कार्य योजना अनुमोदन के लिए पर्यावरण मंत्रालय में अनुमति की मांग की है। वही हसदेव अरण्य में जलवायु अच्छी है उसे उजाड़कर  मध्य भारत में जलवायु का सत्यानाश करेगी और दूसरी ओर कुछ जिलों के लिए पौने तीन लाख करोड़ की योजना सिर्फ दिखावा और भ्रष्टाचार के लिए है। भूपेश बघेल हसदेव उजाड़ने पर होने वाले प्राकृतिक नुकसान का अंदाजा तक नहीं लगा पा रहे हैं उससे अपूर्णनीय क्षति होगी। पर्यावरण के प्रति सरकार का दोगला रवैया जनसाधारण की समझ से परे है।
प्रदेश प्रभारी संजीव झा ने कहा  कि मुख्यमंत्री का ये कहना की बिजली चाहिए तो कोयला निकलना होगा और कानून के दायरे में रहकर काम करना पड़ेगा लेकिन बघेल सरकार खुद WII की रिपोर्ट दरकिनार कर कार्य कर रही है जो बहुत दुखद है।
आम आदमी पार्टी हसदेव अरण्य में जंगल उजाड़ने और आदिवासियों को विस्थापित करने का पुरजोर विरोध कर रही है, इसी के मद्देनज़र दोगलेपन के साथ कुम्भकरणी नींद में सोई हुई सरकार को जगाने आम आदमी पार्टी 21 मई 2022 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव  करने जा रही है।
छत्तीसगढ़ में राज्य की जनता के हितों की सरकार को कोई चिंता नहीं है सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने  का खेल चल रहा है पौने तीन लाख करोड़ की योजना से सरकार की नियत और भ्रष्टाचार की कार्ययोजना का जीता जागता उदाहरण स्पष्ट दिख रहा है। ये आम आदमी पार्टी होने नही देगी।
अब चाहे जान चली जाए हम हसदेव बचा कर रहेगें  – कोमल हुपेंडी
अंत में कोमल हुपेंडी ने कहा कि समस्त तथ्यों को संज्ञान में लेकर आदिवासियों की मांगो को पूरा किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने अब भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और हमारी मांगो को 20 मई 22 तक नही मानी है इसलिए आम आदमी पार्टी  21/05/22 को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी।
आम जन में काफी आक्रोश है और उग्र आंदोलन वाली स्थिति बन रही है,यदि ऐसी स्थिति सरकार बनने देती है, तो इसकी समस्त जिम्मेदार कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार होगी। आम आदमी पार्टी जन साधारण से भी आव्हान करती है सभी जनसाधारण भी इस आंदोलन का हिस्सा बन विरोध प्रदर्शन में शामिल हो कर आंदोलन को सफल बनाये।

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