May 30, 2024

Former British Soldier ने पहना सलवार-कमीज, बांधा स्कार्फ और Taliban को यूं चकमा देकर छोड़ दिया Kabul


काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी कब्जे के बाद से मुल्क छोड़कर जाने वालों की बाढ़ आ गई है. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर अभी भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं. तालिबान (Taliban) ने हवाईअड्डे को चारों तरफ से घेर लिया है और वहां तक पहुंचने के रास्ते में कई चेकपोस्ट बनाए हैं. ताकि लोगों को मुल्क छोड़कर भागने से रोका जा सके. हालांकि, एक पूर्व ब्रिटिश सैनिक (Former British Soldier) तालिबान की इस तैयारी के बावजूद उसे चकमा देने में कामयाब रहा.

खतरों से खेलते हुए पहुंचे Airport

रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व ब्रिटिश सैनिक लॉयड कॉमर (Lloyd Comer, 60) ने अपने देश पहुंचने के लिए बेहद चतुराई से अपना हुलिया बदला और खतरों से खेलते हुए काबुल एयरपोर्ट पहुंच गए. उच्च अधिकारियों ने कॉमर को कुछ वक्त तक अफगान में ही रुकने की सलाह दी थी, लेकिन वह इसे नजरंदाज करते हुए हवाईअड्डे पहुंचे और वहां से ब्रिटिश विमान में सवार होकर अफगानिस्तान छोड़ दिया.

Local लोगों ने की Lloyd की मदद

काबुल एयरपोर्ट पहुंचने के लिए लॉयड कॉमर ने काफी जद्दोजहद की. सबसे पहले उन्होंने पारंपरिक अफगानी पोशाक सलवार-कमीज (shalwar kameez) पहनी, सिर पर स्कार्फ बांधा फिर एक लोकल गाड़ी से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. इसके लिए स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद की. लॉयड मानते हैं कि उन्होंने काबुल से निकलने का सही फैसला लिया था. उन्होंने कहा, ‘यदि मैं विदेश विभाग की सलाह मानता, तो अब तक तालिबानियों के कब्जे में आ चुका होता. मैंने सही वक्त पर सही फैसला लिया और अपनी जान बचाई’.

लोगों को मार रहे थे Talibani

लॉयड कॉमर के मुताबिक, तालिबान के खौफ के चलते सभी लोग भाग रहे थे. मैंने भी बाहर निकलने के लिए उच्चायोग से संपर्क किया, लेकिन मुझसे कुछ वक्त तक काबुल में ही छिपे रहने को कहा गया. मेरा डर तब और बढ़ गया जब मुझे पता चला कि तालिबानी अपने दुश्मनों को घरों से निकालकर मार रहे हैं. इसके बाद मैंने काबुल शहर से निकलने की ठानी. इसके लिए मैंने अपना हुलिया बदला. स्थानीय लोगों से एक गाड़ी की व्यवस्था की और मुंह ढककर काबुल एयरपोर्ट के लिए निकल पड़ा.

कई Check Posts से गुजरना पड़ा 

पूर्व ब्रिटिश सैनिक लॉयड को एयरपोर्ट के रास्ते में कई तालिबानी चेस्क पोस्ट का सामना करना पड़ा, लेकिन अपनी सूझबूझ के चलते वो तालिबानी आतंकियों को चकमा देने में सफल रहे. करीब एक घंटे तक ड्राइव करने के बाद जब वह हवाईअड्डे पहुंचे, तब उन्होंने राहत की सांस ली. लॉयड ने कहा, ‘सेना में रहने के कारण मुझे ऐसे हालातों से निपटने में सहायता मिली. मैंने खुद को शांत और स्थानीय व्यक्ति जैसा दिखने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया. हालांकि, मुझे दुख है कि मैं दूसरे अफगानियों की मदद नहीं कर सका’.

इस बात पर जताया दुख

पूर्व ब्रिटिश सैनिक लॉयड C-17 प्लेन से सीधे अपने देश नहीं जा सके. वो पहले UAE पहुंचे, फिर वहां से स्पेन गए. इसके बाद वह अपने देश ब्रिटेन पहुंच पाए. लॉयड ने कहा, ‘अफगानिस्तान बहुत अच्छा देश है. वहां मैंने काफी समय बिताया है और वहां के लोगों की मदद के लिए जो बन पड़ेगा करूंगा. मुझे दुख है कि मैं किसी को अपने साथ नहीं ला सका’.

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