May 10, 2024

विभाजन की त्रासदी हमें अखंड भारत का मूल्‍य समझाती है : उपमुख्‍यमंत्री

वर्धा. महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में विभाजन विभीषिका स्‍मृति में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्‍ट्र के उपमुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विभाजन की त्रासदी हमें अखंड भारत का मूल्‍य समझाती है। उपमुख्‍यमंत्री श्री फडणवीस शुक्रवार, 12 अगस्‍त को विभाजन विभीषिका स्‍मृति प्रदर्शनी के उदघाटन के पश्‍चात आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विभाजन विभीषिका दिवस की स्‍मृति में कस्‍तूरबा सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने की। इस अवसर पर मंच पर वर्धा के सांसद श्री रामदास तड़स, विधायक डॉ. पंकज भोयर, जिलाधिकारी सुश्री प्रेरणा देशभ्रतार, प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव क़ादर नवाज़ ख़ान उपस्थित थे।

उपमुख्‍यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने हर घर तिरंगा अभियान को स्‍वाभिमान का अभियान बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत हमें राष्‍ट्रभक्ति की ज्‍वाला को प्रज्‍ज्‍वलित करना है। एक भारत श्रेष्‍ठ भारत को लेकर हमें आगे बढ़ना है। उन्‍होंने कहा कि महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय पर गर्व करते हुए कहा कि आज के समय में ज्ञान के बल पर हम पूरे विश्‍व पर राज कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि हिंदी भाषा के कारण भारत दुनिया में सबसे आगे बढ़ने वाला राष्‍ट्र है। भाषा अभिव्‍यक्ति ही नहीं अपितु परंपरा और सभ्‍यता की भी वाहक है। नई शिक्षा नीति का संदर्भ देते हुए उन्‍होंने कहा कि इस नीति के कारण काफी बदलाव हो रहे हैं। सभी भारतीय भाषाएं ज्ञान की भाषाएं बनेगी और इस नीति के कारण अपनी भाषा में हम इंजीनियर और डॉक्‍टर बना सकेंगे। नालंदा विश्‍वविद्यालय का उल्‍लेख करते हुए उपमुख्‍यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय ज्ञान का भंडार था। अब हमें भारतीय भाषाओं की मदद से पुरातन ज्ञान को वापस लाना चाहिए। हिंदी विश्‍वविद्यालय को लेकर उनका कहना था कि यह विश्‍वविद्यालय ज्ञान के साथ-साथ संस्‍कृति और सभ्‍यता को पुनर्जिवित करने का काम कर रहा है। अनुवाद प्रोद्योगिकी को विकसित करने में विश्‍वविद्यालय का अहम योगदान है। हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने में अनुवाद की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि विश्‍वविद्यालय को दुनिया का श्रेष्‍ठतम विश्‍वविद्यालय बनाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्‍य सरकार भी सहयोग के लिए तैयार है। इस अवसर पर उपमुख्‍यमंत्री श्री फडणवीस को विश्‍वविद्यालय के आवासीय लेखक प्रो. रामजी तिवारी ने तुलसी रचनावली की प्रति भेंट की।

स्‍वागत वक्‍तव्‍य में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि इस वर्ष विश्‍वविद्यालय अपनी स्‍थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। इस वर्ष अनेक महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि जितनी उपलब्धियां विश्‍वविद्यालय ने पिछले 25 वर्ष में हासिल की हैं उतनी हम एक वर्ष में अर्जित करेंगे। उन्‍होंने विश्‍वास जताया कि विश्‍वविद्यालय परिवार के सभी सदस्‍यों के समवेत प्रयास से यह उपलब्धी हासिल की जा सकेगी। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय में उज्‍बेकिस्‍तान एवं अन्‍य देशों से आएं अध्‍यापक, विद्यार्थी और अधिकारियों का उल्‍लेख करते करते हुए कहा कि आगामी दिनों में 24 देशों के विद्यार्थी अध्‍ययन के लिए आएंगे। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय अपनी अंतरराष्‍ट्रीय भूमिका का निर्वहन कर रहा है और श्रेष्‍ठ भारत के निर्माण में योगदान भी दे रहा है। इस अवसर पर उन्‍होंने उपमुख्‍यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और सांसद श्री रामदास तड़स का स्‍वागत शॉल, स्‍मृतिचिन्‍ह एवं पुष्‍पमाला से किया। मंचासीन अतिथियों का स्‍वागत प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, डॉ. सुप्रिया पाठक ने किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव कादर नवाज खान ने किया तथा आभार प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप दीपन से तथा समापन राष्‍ट्रगान से किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post एक क्लिक में पढ़ें बिलासपुर की ख़ास खबरें…
Next post हमर तिरंगा अभियान : समूह की दीदियों ने तैयार किये 25 हजार से ज्यादा तिरंगे
error: Content is protected !!