May 4, 2024

वर्चुअल रैली पर छिड़ी जंग! चुनाव आयोग के फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने उठाए सवाल

लखनऊ. भारत में पहली बार ऐसा हो रहा है जब चुनावी रैलियों (Election Rallies) पर रोक लगाकर डिजिटल रैलियों (Digital Rally) के निर्देश दिए गए हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक रहेगी और वर्चुअल रैली (Virtual Rally) करने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए भीड़ को रोकना जरूरी है.

15 जनवरी तक नहीं होगी कोई रैली

इस बार के चुनाव में एक खास बात है कि इलेक्शन के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ने ये निर्देश दिया है कि 15 जनवरी तक किसी भी पार्टी रैली या रोड शो नहीं होगा. ये निर्देश कोरोना की रोकथाम के मकसद से दिया गया है लेकिन कई विपक्षी पार्टियां इससे खुश नहीं हैं.

वर्चुअल रैली के निर्देश पर घमासान शुरू

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाई है. इसके बाद चुनाव आयोग स्थिति की समीक्षा करेगा और तब तय किया जाएगा कि आगे रैलियों और रोड शो की अनुमति दी जाए या नहीं. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से वर्चुअल रैली और प्रचार करने के लिए कहा है लेकिन चुनाव आयोग के इस फरमान पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.

अखिलेश यादव ने की ये मांग

समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी डिजिटल मोर्चे पर मजबूत है लेकिन कई पार्टियां इतनी सशक्त नहीं है. इसलिए चुनाव आयोग को चाहिए कि वो ऐसी पार्टियों को फंड मुहैया करवाए. अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग से मांग करता हूं कि राजनीतिक दलों को फंड दें अगर डिजिटल प्रचार करना है क्योंकि बीजेपी के पास डिजिटल हथियार बड़ा है. जिन पार्टियों के पास इतना मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं उनकी मदद चुनाव आयोग करे. बीजेपी को तो डिजिटल में फंड बहुत मिला है. हम ऑनलाइन वोटिंग के पक्ष में नहीं हैं. चाहे दो दिन समय लगे फिजिकल वोटिंग हो.

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