राजीव भवन में झीरम के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया
रायपुर. झीरम हमले की 11वीं बरसी पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में झीरम के शहीदों के लिये श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां झीरम के शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दिया गया।
इस अवसर पर झीरम के शहीदों को याद करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस झीरम के शहीदों की ऋणी है। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिये अपने प्राणों का बलिदान किया। कांग्रेस शहीदों के परिजनों का भी अभिनंदन करता है। हर कांग्रेसी शहीदों के परिवारो का ऋणी है। जीरम घटना की सच्चाई आज भी सामने नहीं आई है। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यो हटाया गया था? झीरम नरसंहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है तथा उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है जो कभी नही मिट सकता। कांग्रेस ने झीरम में अपने नेताओं की पूरी पीढ़ी को खोया है। कांग्रेस पार्टी झीरम के षड्यंत्र को उजागर होने का पूरा प्रयास करेगी। इस षड्यंत्र को उजागर होने में कितनी भी बाधायें पैदा की जाए कांग्रेस उनका डट कर मुकाबला करेगी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार ने झीरम हमले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया था लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार एनआईए से झीरम की फाइल एसआईटी को नहीं देने दिया। जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है पता नहीं क्यों भाजपा के बड़े-बड़े नेता घबराने लगते है, किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं, कभी बयानबाजी करते हैं, कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं। किसी भी प्रकार से भाजपा झीरम घाटी की जांच को होने ही नहीं देना चाहती है। भाजपा जांच को बाधित करना चाहती है। झीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर आये थे। भाजपा डरती है झीरम का सच सामने आ जायेगा तो वह बेनकाब हो जायेगी। भाजपा के नेता इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकलकर आ जाएगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जायेगा? भाजपाई इस बात से डरते हैं कि उनके आका, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जाएगी? भाजपा किस बात से डर रही है? क्या श्री धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि इस नक्सली घटना के पीछे की किसी बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो जायेगा जिसका प्रभाव इनकी पूरी पार्टी पर पड़ सकता है? आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, भाजपा और भाजपा के लोग।
श्रद्धांजलि सभा में सांसद फूलोदेवी नेताम, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, विधायक इन्द्रसाह मंडावी, विधानसभा पूर्व उपाध्यक्ष संतकुमार नेताम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी, उपाध्यक्ष गुरूमुख सिंह होरा, स्वरूपचंद जैन, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महापौर एजाज ढेबर, वार रूम अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, सभापति प्रमोद दुबे, महामंत्री सुबोध हरितवाल, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, पंकज शर्मा, शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, जिला अध्यक्ष उद्यो वर्मा, शकुन डहरिया, शिव सिंह ठाकुर, अजय साहू, अशोक राज आहूजा, श्री कुमार मेनन, रविन्द्र शुक्ला, मेहमूद अली, सत्येन्द्र वर्मा, शारिक रईस खान, सुंदर जोगी, कमला कांत शुक्ल, श्याम कश्यप, अशोक चतुर्वेदी, शशि कुमार भगत, राजेन्द्र जैन, शशि भूषण गौतम, संतोष बाघमार, पुष्पराज बैद, लोकेश साहू, अमर परवानी, देवकुमार साहू, नवीन चंद्राकर, प्रमोद तिवारी, शिरीश अवस्थी, सचिन शर्मा, कमलेश मिश्रा, रेहान खान, राहुल इन्दुरिया, वैभव कुमार निषाद, संतराम नारंग, नंदकुमार पटेल, मो. सिदकी, रोशन सिंह उपस्थित थे।