हर 10 साल में होने वाली जनगणना क्या इस बार हो पाएगी?
नई दिल्ली. जनगणना (Census) का पहला चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को बनाने का काम जो इस साल होना था, वो कोरोना वायरस महामारी के कारण टल गया है. इसके अभी एक और साल तक शुरू होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि संक्रमण के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
भारत में जनगणना के लिए दुनिया का सबसे अभियान
भारत में जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकी अभियान है, जिसमें 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी भाग लेते हैं. ये लोग देश के हर कोने में स्थित प्रत्येक मकान में जाकर सर्वे करते हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘फिलहाल के लिए जनगणना कोई अनिवार्य कार्य नहीं है. अगर इसे एक साल के लिए टाल भी दिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा.’
कोरोना के कारण टली जनगणना 2021
अधिकारी ने बताया कि जनगणना 2021 का पहला चरण और एनपीआर को बनाने का काम कब शुरू होगा, इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन ये लगभग पक्का है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में ये काम नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि जनगणना में मकानों को सूचीबद्ध करने और एनपीआर को बनाने का काम पहले एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक होना था लेकिन कोविड-19 के कारण इसे टालना पड़ा.
अधिकारी ने बताया, ‘चूंकि पूरे अभियान में लाखों अधिकारियों को भाग लेना होता है और इसमें प्रत्येक परिवार के पास जाना होता है, ऐसे में हम स्वास्थ्य खतरे को कमतर करके नहीं आंक सकते हैं.’
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले
एक दिन में सर्वाधिक 78,761 नए मामले आने के साथ ही देश में अभी तक कुल 35,42,733 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वहीं रविवार तक 63,498 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है.
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पूरे देश में जनगणना 1 मार्च, 2021 तक होनी थी. जबकि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फ पड़ती है, वहां इसकी तारीख एक अक्टूबर, 2020 थी.
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘कोविड-19 का खतरा अभी भी बना हुआ है. जनगणना और एनपीआर अभी भी सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं हैं.’
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तब रजिस्ट्रार जनरल और भारत के जनगणना आयुक्त जनगणना के पहले चरण और एनपीआर को बनाने के लिए तैयार थे. ये बड़ा अभियान एक अप्रैल से शुरू होने वाला है.
हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने एनपीआर का विरोध किया है लेकिन सभी ने जनगणना में पूरा साथ देने का वादा किया है.