अपनी मांगों को लेकर ठेकेदार संघ ने मुख्यमंत्री ने नाम सौंपा ज्ञापन


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. सरकारी अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ठेकेदार संघ ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में सौंपा है। संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि गौण खनिज रायल्टी छग शासन द्वारा प्रकाशित दर व बाजार दर द्वारा निर्माण कार्यों में ठेकेदारों की कटौती की जा रही है जो व्यवहासिक नहीं है। सरकार द्वारा निर्धारित दर की कटौती पर ठेकेदारों को एतराज नहीं है, किंतु बाजार दर वसूला जाना अनुचित है।


संघ ने कहा कि बाजार दर से ठेकेदारों की कटौती की जा जाएगी तो ठेकेदार निर्माण कार्य अपना घर बेचकर भी नहीं करा पायेगा। इसके अलावा जीएसटी व अन्य कटौती के साथ पांच एवं दस सालों तक रख रखाव करना है कुल मिलाकर इस प्रकार की कटौती शासन द्वारा की जा रही है इस परिस्थिति में निर्माण करना संभव नहीं है।

लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्यों की रख रखाव के लिए पांच साल की समय सीमा निर्धारित की गई है तथा जल संसाधन विभाग में १० वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई है, जो गलत है। पीडब्ल्यूडी में तीसरा पार्टी चेकिंग की शर्त निर्माण कार्य में लागू की गई है। प्रदेश के निर्माण ठेकेदारों को चेकिंग की शर्त मंजूर है, परंतु चेकिंग की सीमा निर्धारित की जाये। इसके अलावा ठेकेदारों ने ज्ञापन में लिखा है कि अतिरिक्त सुरक्षा निधि को थर्ड पार्टी चेकिंग में लाना अनिवार्य किया जाये।

निर्माण कार्य समाप्त होते ही अतिरिक्त सुरक्षा राशि को रिलीज किया जाये। प्रदेश सरकार द्वारा ई-पंजीयन चालू की गई है जिसमें बेरोजगार नव युवकों को इस श्रेणी में पंजीयन कराकर एक वर्ष में ब्लाक स्तर तक 50 लाख के निर्माण कार्य करने का पात्रता है इस निर्णय स्वागत करते हुए ठेकेदारों ने कहा कि बस्तर परिक्षेत्र में 50 लाख रूपए तक निर्माण कार्य मेन्यूअल टेंडर लागू किया जाता है इस नियम को पूरे प्रदेश में लागू किया जाये। नगर निगम और लोक निर्माण विभाग में भुगतान को लेकर अत्याधिक समस्या का सामाना करना पड़ रहा है, किसी भी कार्य के पूर्ण होते ही तत्काल भुगतान की व्यवस्था की जाये ताकि सुचारू रूप से काम चलता रहे।

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