Flight में खौलती चाय गिरने से युवक के पैर पर पड़ा दाग, अब Court ने Airlines पर लगाया 58 लाख का जुर्माना
डबलिन. फ्लाइट (Flight) में हुई एक घटना के लिए आयरलैंड (Ireland) निवासी युवक को भारी-भरकम हर्जाना मिला है. कोर्ट (Court) ने उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए टर्किश एयरलाइंस (Turkish Airlines) को आदेश दिया है कि युवक को क्षतिपूर्ति के तौर पर 58 लाख रुपये दिए जाएं. इस टीनेज युवक की मां ने चार साल पहले हुए हादसे के लिए एयरलाइंस को दोषी ठहराते हुए उसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने सोमवार को पीड़ित पक्ष की दलीलें सुनने के बाद एयरलाइंस को आदेश दिया है कि युवक को लगी चोट के लिए उसे हर्जाना दिया जाए.
Cabin Crew से हुई थी गलती
‘Paddle Your Own Kanoo’ की रिपोर्ट के अनुसार, आयरलैंड निवासी एमरे कराक्या (Emre Karakaya) के साथ 2017 में डबलिन से इस्तानबुल (Dublin to Istanbul) जाने वाली फ्लाइट में दुर्घटना हुई थी. दरअसल, एमरे के दाएं पैर पर केबिन क्रू की एक सदस्य ने गलती से खौलती चाय गिरा दी थी, जिससे उसके पैर पर दाग बन गया. जब यह हादसा हुआ, उस वक्त पीड़ित की उम्र 13 साल थी. दुर्घटना के बारे में पता चलने पर लड़के की मां के टर्किश एयरलाइंस के खिलाफ केस दर्ज किया था. एमरे की मां ने अदालत को बताया कि उनके बेटे को इस हादसे में गंभीर मानसिक और शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ा.
Plastic Surgeon के पास ले जाना पड़ा
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित की मां ने कहा कि एमरे का पैर चाय गिरने के चलते बुरी तरह झुलस गया था और उनके बेटे के जख्म ठीक होने में तीन से चार हफ्ते का समय लगा. हालांकि, इसके बावजूद पैर पर बना दाग नहीं गया. पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि एमरे की स्थिति बेहद खराब थी, उसे प्लास्टिक सर्जन (Plastic Surgeon) के पास ले कर जाना पड़ा था.
Court ने इस आधार पर दिया फैसला
सभी दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट जज ने एयरलाइंस को आदेश दिया एमरे की इंजरी के चलते उसे 56 हजार पाउंड्स यानी लगभग 58 लाख रुपये की धनराशि प्रदान करे. 2019 में यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने स्पष्ट किया था कि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के अनुच्छेद 17 के तहत विमान में लगने वाली किसी भी चोट के लिए एयरलाइंस जिम्मेदार हैं. एयरलाइंस केवल उसी स्थिति में बच सकती हैं, जब वे यह साबित कर पाएं कि चोट यात्री की गलती की वजह लगी. इसी के आधार पर जज ने पीड़ित युवक के पक्ष में फैसला सुनाया.