बारिश और उमस के सीजन में आपको सेहत के प्रति बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। चूंकि अभी उमस वाली गर्मी भी है तो हम काढ़ा के जरिए इम्यूनिटी नहीं बढ़ा सकते। जबकि तीसरी लहर से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है। जानें, मानसून में कैसे बूस्ट करें इम्यूनिटी।
मानसून का मौसम गर्मी से भले ही राहत देता हो लेकिन इसी के साथ इस सीजन में कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी आती हैं। बारिश में ऐसे कई लोग हैं जो इंफेक्शन, स्किन एलर्जी, फूड पॉइजनिंग, अपच और वायरल फीवर की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, खासकर तब जब कोविड महामारी का कहर जारी हो। क्योंकि कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स के चलते हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है जिससे कोविड का जोखिम भी बढ़ जाता है। ऐसे में हमें हेल्दी फूड, फिजिकल वर्कआउट और हाइड्रेट रहने के अलावा भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
भले ही आपने अपना टीकाकरण करवा लिया हो लेकिन फिर भी आपको अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखना होगा, क्योंकि सरकार की ओर से तीसरी लहर का अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। ऐसे में आपको इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कुछ अपने आहार में कुछ चीजों से दूरियां बनानी होंगी तो तमाम चीजों को शामिल भी करना होगा। आइए जानते हैं कि बारिश में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं।
मौसमी और खट्टे फल खाएं
फल ऊर्जा बढ़ाने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं। फल विटामिन सी और फाइबर जैसे पोषक तत्वों का एक पावरहाउस हैं। इस सीजन में आप सेब, अमरूद, केला, अनार, आलूबुखारा, पपीता, कीवी, आंवला, संतरा, मौसमी या मीठा चूना और जामुन जैसे फलों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
प्रोटीन युक्त आहार
इम्यूनिटी बढ़ाने, घाव भरने और मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन प्रमुख मैक्रो-पोषक तत्व है। आपकी रसोई में रखीं दालें, दूध, दही, अंडे, पनीर, सोया, टोफू प्रोटीन के समृद्ध स्रोत हैं। इनके अलावा आप अपने आहार में दही और छाछ को भी शामिल कर सकते हैं। दही प्रोबायोटिक है और इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया प्रतिरक्षा को बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
मसालेदार भोजन से बचें
डायटीशियन के अनुसार, कुछ मामलों में आपको मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इससे स्किन एलर्जी हो जाती है जिससे त्वचा पर चकत्ते दिखने लगते हैं। इसके अलावा आपको स्ट्रीट फूड, जंक फूड, डीप-फ्राइड फूड से बचना चाहिए। स्ट्रीट स्टॉल पर पहले से कटे किसी भी फल में बैक्टीरिया हो सकते हैं और पेट कमजोर हो सकता है। वाटर रिटेंशन को रोकने के लिए इमली जैसे खट्टे खाद्य पदार्थों से बचें। मसालेदार भोजन भी अपच का कारण बन सकता है।
उबला हुआ पानी पिएंहाइड्रेटेड रहने के लिए दिन में 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है क्योंकि ठंडी जलवायु के कारण पानी का सेवन काफी कम हो जाता है। उबला हुआ पानी पीलिया, डायरिया और हैजा जैसी बीमारियों से बचाता है, जो पानी से होने वाली बीमारी है। सर्दी, खांसी और फ्लू से बचने के लिए शहद, अदरक और काली मिर्च के साथ गर्म पानी एक चमत्कारिक इलाज हो सकता है।