November 27, 2024

डॉ. चरणदास महंत ने हलषष्ठी, कमरछठ पर्व पर मातृशक्ति को दी बधाईयां

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने प्रदेश की समस्त माताओं को हलषष्ठी, कमरछठ पर दी बधाई शुभकामनाएं। विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्वों में से एक पर्व कमरछठ इस बार 28 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र एवं सुख-समृद्धि के लिए हलषष्ठी माता की पूजा-अर्चना करती है। अन्य प्रदेशों में हलषष्ठी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ के जन्मोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है।

डॉ महंत ने कहा कि, षष्ठी, छठ माता की पूजा-अर्चना में पसहर चावल और छह प्रकार की भाजियों का भोग लगाया जाता है। बिना हल जोते उगता है पसहर चावल, पसहर चावल को खेतों में उगाया नहीं जाता। यह चावल बिना हल जोते अपने आप खेतों की मेड़, तालाब, पोखर या अन्य जगहों पर उगता है। भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ के जन्मोत्सव वाले दिन हलषष्ठी मनाए जाने के कारण बलदाऊ के शस्त्र हल को महत्व देने के लिए बिना हल चलाए उगने वाले पसहर चावल का पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। पूजा के दौरान महिलाएं पसहर चावल को पकाकर भोग लगाती हैं, साथ ही इसी चावल का सेवन कर व्रत तोड़ती हैं। फूल, नारियल, फुलोरी, महुआ, दोना, टोकनी, लाई, छह प्रकार की भाजी का भी पूजा में महत्व है।

मान्यता अनुसार माता देवकी ने किया था व्रतः माता देवकी के छह पुत्रों को जब कंस ने मार दिया तब पुत्र की रक्षा की कामना के लिए माता देवकी ने भादो कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को षष्ठी देवी की आराधना करते हुए व्रत रखा था। इसी मान्यता के चलते महिलाएं अपने पुत्र की खुशहाली के लिए छठ का व्रत रखती हैं और अपने बच्चों की लंबी आयु के लिये सगरी में पोतनी डुबाकर छह-छह बार कमर पर लगाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post नाबालिक से अश्‍लील हरकत करने वाले आरोपी को 5 वर्ष का सश्रम कारावास
Next post कान्यकुब्ज ब्राह्मण विकास मंच छत्तीसगढ़ एवं युवा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित राधा-कृष्ण सजाओ
error: Content is protected !!