April 27, 2024

15 सालों में आदिवासियों और बस्तर से भाजपा बहुत दूर जा चुकी है

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने तेंदूपत्ता और वनोपज संग्रहण को लेकर भाजपा द्वारा झूठ फैलाने की कड़ी निंदा करते हुये कहा है कि 15 सालों में आदिवासियों और बस्तर से भाजपा बहुत दूर जा चुकी है। आदिवासी हित में काम करने वाली और बस्तर को मजबूत बनाने वाली कांग्रेस सरकार पर भाजपा के आरोप सफेद झूठ है। दरअसल भाजपा प्रदेश में कांग्रेस सरकार की सफलता और जनहितकारी कार्यों को पचा नहीं पा रही है। यही कारण है कि भाजपा बिना किसी आधार के अनर्गल बयानबाजी कर, झूठे आरोप लगा रही है। भाजपा नेताओं का यह कहना कि तेंदूपत्ता की राशि का भुगतान नहीं होने के कारण ग्रामीण इसे जलाने या नदियों में बहाने को मजबूर है बिल्कुल झूठ और बेबुनियाद है। भूपेश बघेल सरकार में बस्तर के 4 जिला यूनियन बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और जगदलपुर 2020 में 55 करोड़ और 2021 में 70 करोड़ का तेंदूपत्ता संग्रहण के आंकड़े जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा नेताओं को चुनौती दी है कि भाजपा के 15 साल के तेंदूपत्ता संग्रहण को दी गयी राशि के वर्षवार आंकड़े सार्वजनिक करें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार 4000 रू. प्रति मानक बोरा की राशि दे रही है जिससे भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है। रमन सिंह और केदार कश्यप की भाजपा सरकार तो तेंदूपत्ता तोड़ने वालों के लाभांश की राशि से ही चप्पल खरीद कर संग्राहकों को बांटते थे। इस चप्पल खरीदी में भी जमकर कमीशनखोरी करती थी। कांग्रेस सरकार ने इस कमीशनखोरी पर अंकुश लगाया है तो दलाली और कमीशनखोरी का भाजपा का कुचक्र टूटा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 लघु वनोपजों की खरीदी जबकि 15 साल तक रमन सिंह सरकार द्वारा केवल 7 लघु वनोपजों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती थी। इसी सरकार में केदार कश्यप भी मंत्री थे। वर्ष 2020-21 में लघु वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कांग्रेस सरकार ने 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा नेता भ्रम और झूठ न फैलायें। वित्तीय वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा पूरे देश का 77 प्रतिशत तक लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राज्य में इस दौरान लघु वनोपजों से ही 12 लाख परिवारों को 820 करोड़ की राशि वितरित की गयी है। इनमें तेंदूपत्ता हेतु 400 करोड़ रूपए की राशि वितरित की गई। साथ ही 230 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में अतिरिक्त वितरित की गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए सत्ता प्राप्ति के तत्काल बाद टाटा प्लांट के लिये अधिकृत उनकी जमीन वापस लौटाई। तेंदूपत्ता का खरीदी मूल्य 2500 से बढ़ाकर ₹4000 किया गया। धान का समर्थन मूल्य और बोनस की राशि बढ़ाकर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की। युवा बेरोजगारों को स्थानीय योजनाओं में जोड़कर उनके सफल भविष्य के निर्माण की बुनियाद रखी गई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में भूपेश सरकार की बढ़ती लोकप्रियता और लगातार दागदार होते भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अपना जनाधार खो चुके है। भाजपा के सिपहसालार जनता के बीच भ्रम और झूठ फैलाने की राजनीति की सत्ता प्राप्ति का जरिया समझ बैठे है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का युवा, किसान, आदिवासी और समूचा बस्तर भाजपा की इन कारगुज़ारियों से परिचित हो चला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना संकट के बावजूद विगत एक माह अप्रैल में ही एक लाख संग्राहक परिवारों को 70 करोड़ रूपए की राशि वितरित की गई। इससे औसतन अप्रैल माह में प्रत्येक परिवार को 7 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई, जो कि ऐसे कठिन समय में भी उनका सुगमता से जीवन-यापन संभव हो पाया। इस दौरान ईमली, हर्रा, बहेड़ा, चिरौंजी, महुआ, गिलोय तथा शहद आदि लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत पोर्टल में 1 जून से 30 सितंबर तक होगा पंजीयन
Next post मोदी के सात साल, दुनिया में थू-थू और देश बेहाल
error: Content is protected !!