4 साल के बच्चे का डाइट चार्ट, शारीरिक और दिमागी विकास के लिए जरूरी हैं ये चीजें
ज्यादातर बच्चे खाने के मामले में चूजी होते हैं। इसलिए उनके लिए ऐसा डाइट चार्ट होना चाहिए जो हेल्दी होने के साथ टेस्टी भी हो। यहां हम आपको 4 साल के बच्चे के लिए दिनभर की डाइट बता रहे हैं।
4 से 5 साल की उम्र में बच्चा ऊर्जा से भरपूर रहता है। ऐसे में इस बात का ख्याल रखा जाए कि उसे खाने में ऐसे पोषक तत्व मिलते रहें, जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी हों। उनके लिए डाइट रखी जाए, जिसमें कैल्शियम और प्रोटीन के अलावा कैलोरीज भी हों। यहां हम आपके लिए लाए हैं एक ऐसा फ़ूड चार्ट, जो सभी जरूरतों की पूर्ति करता है।
- दूध
- कोई भी मौसमी फल जैसे सेब, पपीता केला आदि।
- चीज और पनीर
- घी-दूध
- अंडा और मीट
- नट्स में बादाम, मुनक्के, अंजीर, डेट्स और अखरोट।
- कैलोरीज : 1200 से 1400 कै.
- फैट : 25% से 30%
- मीट/बीन्स : 85 से 115 ग्राम
- फ्रूट्स : 1.5 कप
- सब्ज़ियां : 1 से 1.5 कप
- अनाज : 115 से 140 ग्राम
- डेयरी उत्पाद : डॉक्टर के कहे अनुसार।
यदि आपका बच्चा लैक्टोज इंटोलेरेंट (lactose intolerant) नहीं है तो उसे हर रोज 2 कप दूध, 3 बड़े चम्मच घी, एक छोटा बाउल दही और छाछ जरूर दें।
सोकर उठने के आधे घंटे के अंदर बच्चे को गुनगुना पानी दें। उसके बाद ही उसे नाश्ता दें। नाश्ते में गेहूं या रागी के आटे का पैनकेक
सूजी उत्तपम, इडली, दाल चीला, दूध कॉर्न फ़्लैक्स दे सकते हैं। नॉन वेज में ऑमलेट सैंडविच भी दे सकते हैं। बच्चे को दलिया, ओट्स या फ्रूट कस्टर्ड भी दे सकते हैं।
बच्चे दूध नहीं पीना चाहते हैं, उन्हें चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स चाहिए । लेकिन आप उनकी इस आदत को बदल सकते हैं, उन्हें फ्लेवर्ड दूध देकर। उन्हें दूध से बनी चीजें, जैसे दलिया, ओट्स आदि दे सकते हो। दूध में कैल्शियम होता है। यह बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
बच्चे अंडे शौक से खाते हैं। उन्हें उन्हें बॉयल्ड एग की आदत डालें। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसके पीले भाग में विटामिन A, विटामिन B और बायोटिन होता है, जो कि बालों के लिए बेहद आवश्यक है। उन्हें ब्रेड ऑमलेट, एग करी खाने को दें।
उन्हें नाश्ते में उपमा, पोहा, चीला जैसी चीजें दे खाने में।
कभी-कभी टेस्ट चेंज करने के लिए पास्ता भी दे सकते हैं।
रोस्टेड मखाने, रोस्टेड मूंगफली या चना चाट खाने को दें।
टोमेटो सूप बनाकर दे सकते हैं। टमाटर में विटामिन C होता है। इसकी जगह गर्मियों में जूस, लस्सी या छास दे सकते हैं। मगर उन्हें टेट्रा पैक्ड जूस न दें। यह उनकी गले और दांत के लिए बहुत घातक होता है।
कुछ लोगों के यहां रोटी ज्यादा बनती है, तो कुछ चावल ज्यादा खाते हैं। एक संतुलित आहार वही है, जिसमें प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर सब हो। इसलिए बच्चे को लंच में रोटी-सब्ज़ी, दाल-चावल, सलाद और छास की आदत डालें। वैसे भी बच्चे चावल बहुत पसंद करते हैं। इसे टेस्टी बनाने के लिए कभी आप लेमन राइज, पुलाव, बिरयानी जैसा एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। फ्राइड राइज भी बच्चों को पसंद आता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है, जोकि मेटाबोलिज्म को ठीक रखता है।
बच्चों को दाल की जगह राजमा, छोले और काले चने ज्यादा टेस्टी लगते हैं। उन्हें आप काले चने का पानी दें। चने की चाट बनाकर खिला सकते हैं। वीक में तीन दिन तो आपका बच्चा शौक से खायेगा। और क्या आप जानते हैं कि इसमें हाई प्रोटीन होता है।
दोपहर में बच्चे को डोसा-सांभर भी बनाकर दे सकते हैं। इसमें कई सारी सब्ज़ियां डाली जाती हैं। बच्चे को एकसाथ प्रोटीन और खनिज मिलेंगे।
यदि बच्चा सब्ज़ी न खाए तो आप सब्ज़ी को रोटी में डालकर उसमें सॉस या म्योनीज डाल दें। फिर उसका रोल बनाकर बच्चे को खिलाएं।
ध्यान रहे कि शाम के वक्त बच्चों को फल या जूस नहीं देना चाहिए। यह बच्चों में कफ की प्रवृत्ति बढ़ता है।
बच्चों इस समय पानी टोस्ट दे सकते हैं। पनीर प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर है।
डिनर में कुछ हल्का ही दें। खाने पहले उन्हें सूप दे सकते हैं। मार्केट की जगह घर पर ही उनके लिए सूप बनाएं। गाजर, बीट रुट, आलू, प्याज़ एकसाथ डालकर बॉयल कर लें। इसे ब्लेंड कर लें और उसे टेस्टी बनाने के लिए उसमें काली मिर्च और काला नमक डालें।
रात को उन्हें खिचड़ी, दलिया जैसा हल्का खाना खाने को दें।
डिनर में उन्हें फिश करी या चिकन भी दे सकते हैं। फिश में ओमेगा 3 होता है, जो कि हमारे दिल और दिमाग दोनों को चुस्त-दुरुस्त रखता है।
आदत डालें। उन्हें गुड़ खाना सिखाएं। यह खून को साफ करके रक्त का संचार बढ़ाता है।
रात को सोते समय हल्दी-दूध दें। चीनी की जगह खांड मिला सकते हैं। या फिर शहद भी डालकर दिया जा सकता है। दरअसल, दूध में चीनी आपके बच्चे के दांतों में कैविटी पैदा कर सकती है।
च्यवनप्राश खाने की आदत डालें।
बच्चे खेल-कूद में पानी पीना भूल जाते हैं। इसलिए उन्हें हर 2-3 घंटे में कुछ भी तरल पदार्थ देते रहें।