May 19, 2024

फ़िल्म में समाज के रीति-रिवाज व पंचायत के फैसले को रखा जिंदा : तोमर

मुज़फ्फरनगर. देवकी प्रोडक्शन बैनर तले बन रही शॉर्ट फिल्म ‘ उत्तर दो ‘ तथा ‘ बैशाखी ‘ की पूरी हुई शूटिंग। फ़िल्म की शूटिंग की दिल्ली , उत्तराखंड ,  उत्तर प्रदेश प्रदेश के मुज़फ्फरनगर , नोएडा , अमरोहा के अलावा हापुड़ के कस्बा पिलखवा क्षेत्र का एक छोटा सा गांव डूहरी में फ़िल्म को शूट किया गया हैं।  वास्तव में डूहरी गांव को मॉलीवुड दुनिया का मिनी भी कहा जाता हैं पहली फ़िल्म सन 1995 में शूट की गई थी।तब से यह पर 50 से ज्यादा फिल्मो की डारेक्टर शूटिंग कर चुके हैं।

‘ उत्तर दो ‘ व ‘ बैशाखी ‘ फ़िल्म के लेखक , निर्माता , निर्देशक रामबीर तोमर हैं तथा कैमरामेन प्रवेश पाल रहे। शॉर्ट फ़िल्म ‘ उत्तर दो ‘ में मुख्य किरदार अभिनेता रामबीर तोमर ने सरपंच तथा पत्रकार वसीम मंसूरी सरपंच के दोस्त की भूमिका में आपने जलवे बिखरे हैं।
अभिनेता मलकीत ने विलन का रोल ने अपनी दादागिरी दमखम को दिखाया। मार्गेट जॉन (मीठी) , शशि शर्मा , संजीव पेंटर , पंकज , अमित सोनू आदि कलाकारों ने आपने – अपने किरदार का बखूबी से रोल अदा किया।

अभिनेता व लेखक रामबीर तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि फ़िल्म यूट्यूब चैनल ‘ देवकी प्रोडक्शन पर रिलीज होगी। तथा फ़िल्म ‘ उत्तर दो ‘ में महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार जैसे घिनोने अत्यचार की कहानी को फिल्माया गया हैं ।  बलात्कार के बाद पीड़ित लड़की की वेदना को हाई लाईट किया गया। लड़की सारी जिंदगी दामन में लगे दाग के धब्बे को नही धो सकती । बदनामी के गुमनाम आसरे में जिंदगी को काटती हैं।विशेष बात फ़िल्म में यह हैं कि पंचायत में दिखाया गया हैं कि न्याय क्या होता हैं। तथा शार्ट फ़िल्म ‘ बैशाखी ‘ एक गरीब बद्री लड़की की कहानी हैं और 15 वर्षो तक सलाखों के पीछे आपने समय का कटा जबकि वह निर्दोष साबित हुआ। समाज को ये भी सन्देश देती हैं कि किसी भी बेकसूर इंसान को झूठे केस में नही फंसना चाहिए। ऐसी ही कल्पनिक घटनाओं को लेकर फ़िल्म में दर्शाया गया हैं।
लेखक व अभिनेता रामबीर तोमर लगभग 30 से अधिक फ़िल्म को आपने लेखनी के दम पर दर्शोको व समाज मे एक अच्छा सन्देश को दिया हैं । तोमर की लिखी हुई कहानी जैसे देहाती फिल्मो के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के नाम से पुकारते हैं अभिनेता उत्तर कुमार की फ़िल्म कट्टो , कुँवर साहब , बांझ , चक्कर आदि के अलावा देवकी प्रोडक्शन कंपनी पर किसान , शादी का लड्डू , लाल दुप्पटा, तुम लौट आओ , कच्ची धूप , अंगूर की बेटी , शादी लाल कुंवारा , घोलाना का शहीद , शेखचिल्ली आदि दर्जनों फिल्मों के कहानी को लिखा हैं।

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