May 11, 2024

विदेशों में बसे भारतवंशियों ने भारत की सांस्‍कृतिक जीवन-दृष्टि विकसित की है : प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् तथा सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्‍ली  के सहयोग से ‘भारतीय डायस्‍पोरा का वैश्विक परिप्रेक्ष्‍य : जीवन और संस्‍कृति’ विषय पर  2, 3 और 4 अगस्‍त 2022 को अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी आयोजित की जा रही है। यह जानकारी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने 31 जुलाई को आयोजित ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में दी। उन्‍होंने कहा कि पिछले 50 वर्षो में भारतीय डायस्‍पोरा का प्रभाव और स्‍वभाव बदला है। दुनियाभर में दो करोड़ से अधिक भारतवंशी बसे हैं। भारत के बाहर बसे भारतवंशियों ने भारत की सांस्‍कृतिक विरासत को विकसित करने में अपना अमूल्‍य योगदान दिया है। संगोष्‍ठी में भारत के साथ आयरलैंड, इंग्लैंड, उज्‍बे़किस्‍तान, न्‍यूजीलैंड तथा  मॉरीशस सहित कई  देशों के विद्वान शिरकत करेंगे।

संगोष्‍ठी का उद्घाटन 2 अगस्‍त को पूर्वाह्न 9.30 बजे विश्‍वविद्यालय के कस्‍तूरबा सभागार में किया जाएगा। भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद्, नई दिल्‍ली के अध्‍यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे उद्घाटन समारोह के मुख्‍य अतिथि होंगे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल करेंगे। कार्यक्रम के विशिष्‍ट अतिथि के रूप में बिहार विधान परिषद् के सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्‍य मंत्री डॉ. संजय पासवान, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्‍ली के राष्‍ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्‍डेय एवं  भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्‍ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद मिश्र उपस्थित रहेंगे।

संगोष्‍ठी में विभिन्‍न अकादमिक सत्रों में ‘धर्म: जीवन पद्धति’, ‘पर्यटन एवं डायस्‍पोरा’, ‘जनसंचार’, ‘कला और विरासत’, ‘समाज कार्य और डायस्‍पोरा’, ‘भारतीय डायस्‍पोरा के आर्थिक मुद्दे’, ‘भाषा और साहित्‍य’ आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी तथा 75 से अधिक शोधपत्र पढे़ जाएंगे। संगोष्‍ठी के अंतर्गत ‘नीति-निर्माण’ और ‘उच्‍च शिक्षा में शोध’ विषय पर पैनल डिस्‍कशन किया जाएगा।  संगोष्‍ठी में  पाँच सौ से अधिक अध्‍येताओं ने पंजीकरण कराया है। संगोष्‍ठी के दौरान 3 अगस्‍त को भारतवंशी गीतों पर आधारित सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय संगोष्‍ठी का समापन 4 अगस्‍त को होगा। समापन सत्र में मुख्‍य अतिथि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति प्रो. हरमोहिंदर सिंह बेदी होंगे। कार्यक्रम के विशिष्‍ट अतिथि के रूप में सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्‍ययन विश्‍वविद्यालय, मध्‍य प्रदेश की कुलपति डॉ. नीरजा अरूण गुप्‍ता और उच्‍च शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश के अध्‍यक्ष प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहेंगे। समापन कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल करेंगे। 4 अगस्‍त को ही विश्‍वविद्यालय के तुल‍सी भवन के सामने गोस्‍वामी तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। संगोष्‍ठी के उपलक्ष्‍य में अटल बिहारी वाजपेयी भवन में भव्‍य प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

संगोष्ठी में देश-विदेश के विद्वान वक्ता ऑनलाइन तथा ऑफलाइन उपस्थित रहकर विचार व्यक्त करेंगे। इन वक्ताओं में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संयुक्त महानिदेशक डॉ. संजय मंजुल, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस. आर. भट्ट, आयरलैंड के राजदूत डॉ. अखिलेश मिश्रा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. उमेश कदम, चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट, वाराणसी की डॉ. लूसी गेस्ट, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के डायस्पोरा अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. अतनू महापात्रा, प्रयागराज से डॉ. अर्चना सिंह, चौधरी चरण सिंह मेरठ विश्वविद्यालय के प्रो. नवीन चंद्र लोहानी, द बिजनेस स्कूल, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रो. परीक्षित मनहास,  भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्‍ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, द ऑर्गनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश, राजनीतिक विश्लेषक श्री हर्षवर्धन त्रिपाठी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं मीडिया निदेशक श्री उमेश उपाध्याय, जम्मू- कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक श्री आशुतोष भटनागर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. रजनीश कुमार मिश्र, गोविन्द वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, झूंसी, प्रयागराज के निदेशक प्रो. बद्री नारायण, अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ, दिल्ली के श्री लक्ष्मण जी, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. स्वदेश सिंह, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल आफ सोशल साइंस के डॉ. पुलकेशी जानी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. आशाराम त्रिपाठी, मुंबई के प्रो. अरविंद एस. लुहार, डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की डॉ. शुचि यादव, आईसीएचआर के श्री आशुतोष मिश्र, अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ श्री अजित कुमार, गुजरात की डॉ. अनुपा चौहान, डॉ. गुरनाम सिंह कौर, यूनाइटेड किंगडम की सुश्री शैल अग्रवाल, मारीशस के  रामदेव धुरंधर, न्यूजीलैंड की सुश्री सुनीता नारायण, सीपीआरजी दिल्ली के निदेशक रामानंद पाण्डेय, एनसीईआरटी नई दिल्ली के कंसल्टेंट साकेत बहुगुणा, राजधानी कॉलेज दिल्ली के डॉ. विशाल मिश्र, थिंक इंडिया के समन्वयक प्रतीक सुथार एवं दिल्ली के डॉ. आलोक कुमार सिंह आदि विद्वान वक्तागण शामिल हैं।

 पत्रकार वार्ता में संगोष्ठी के संयोजक प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल, सह-संयोजक तथा प्रवासन एवं डायस्पोरा अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन राय, आयोजन सचिव डॉ. रोमशा शुक्ला, मीडिया समिति के संयोजक  प्रो. अनिल कुमार राय, जनसंचार विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे, डॉ. जयंत उपाध्‍याय, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्‍डेय, जनसंपर्क अधिकारी बी.एस. मिरगे, राजेश यादव, डॉ. अमित विश्‍वास सहित बड़ी संख्‍या में पत्रकार ऑनलाइन उपस्थित रहे।

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