September 20, 2024

कलमना -कामठी तीसरी रेल लाइन की कमीशनिंग

बिलासपुर. नागपुर–झारसुगुड़ा रेल खंड मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का हिस्सा है जो दो महत्वपूर्ण मेट्रो शहरों को जोड़ता है । वर्षों से भारत के आर्थिक विकास के साथ रेल यातायात में वृद्धि हुई है और भविष्य में और भी यह बढ़ेगा । इसने मौजूदा रेलवे ढांचे पर अत्यधिक दबाव डाला है, जिससे ट्रेनों की समयबद्धता भी प्रभावित हुई है और क्षमता वृद्धि की आवश्यकता उत्पन्न हुई है । क्षमता वृद्धि के लिए रेल लाइनों की संख्या बढ़ाने के कार्यों को मंजूरी दी गई है और इसके निर्माण के लिए सरकार द्वारा लागत राशि उपलब्ध कराया गया है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में मुख्य रूप से क्षमता वृद्धि का कार्य बिलासपुर-झारसुगुड़ा 206 किलोमीटर चौथी लाइन, अनूपपुर-कटनी 165 किलोमीटर तीसरी लाइन तथा राजनांदगांव-कलमना (नागपुर) 228 किलोमीटर तीसरी रेल लाइन का कार्य किया जा रहा है ।

राजनांदगांव – कलमना तीसरी लाइन कार्य

राजनांदगांव एवं कलमना के मध्य 228 किलोमीटर तीसरी लाइन का कार्य प्रगति पर है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 3544 करोड़ रुपये है । अब तक इस तीसरी रेल लाइन का 80 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है और आगे दरेकसा- सालेकसा- धनौली, गुदमा-गोंदिया-गंगाझरी एवं कामठी-कलमना के मध्य तीसरी रेल लाइन का कार्य प्रगति पर है ।

मौजूदा स्टेशन में एक नई लाइन जोड़ने में स्टेशन के लेआउट में बदलाव शामिल होता है । यह बदलाव एक विशेष संरक्षा स्थिति के तहत किया जाता है जिसे नॉन-इंटरलॉकिंग कहा जाता है । संरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान ट्रेनों का संचालन कुछ गतिप्रतिबंध के साथ सीमित मार्गों पर किया जाता है । उदाहरण के लिए, सामान्य परिस्थितियों में एक ट्रेन को स्टेशन पार करने में 3-4 मिनट लगते हैं, लेकिन ऐसे यार्ड में बदलाव कार्य के दौरान इसमें 20-25 मिनट समय की आवश्यकता पड़ती है । इससे ट्रेनों का सामान्य परिचालन प्रभावित होता है ।

वर्तमान में, कलमना स्टेशन पर यार्ड में परिवर्तन किया जा रहा है । यह नागपुर, इतवारी, गोधनी, कामठी स्टेशनों और दो महत्वपूर्ण पावर प्लांट्स को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण स्टेशन है । लगभग 400 कर्मचारियों/मजदूरों सहित रेलवे के विभिन्न विभागों के लगभग 50 इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं । इन कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न मशीनरी जैसे T-28 मशीन, जेसीबी, अर्थ एक्स्कवेटर, क्रेन, टॉवर वैन आदि भी तैनात किए गए हैं । यह टीम न केवल 8 पॉइंट्स, 5 ओएचई पोर्टल्स और 30 ओएचई खंभो को हटाएगी, बल्कि नये 16 पॉइंट्स की स्थापना और 1500 मीटर लूप लाइन की स्लीविंग भी करेगी, साथ ही नए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का परीक्षण और कमीशनिंग का कार्य भी किया जाएगा ।

इस कमीशनिंग कार्य से कलमना-राजनांदगांव रेल खंड की क्षमता बढ़ेगी और मौजूदा ट्रैफिक दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी । मौजूदा और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह क्षमता वृद्धि कार्य अति आवश्यक है । रेल प्रशासन यार्ड परिवर्तन कार्य के दौरान लाइन की सीमित क्षमता को ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या में ट्रेनों को रद्द करने योजना बनाता है और इस दौरान कम से कम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो, इसका ध्यान रखा जाता है । आधारभूत संरचना को विकसित करते हुए भारतीय रेलवे हमेशा बेहतरीन गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित एवं प्रतिबद्ध है ।

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