March 22, 2020
कोरोना के खिलाफ संघर्ष में एक वैकल्पिक मांगपत्र के साथ कल जन एकजुटता दिवस मनाने माकपा की अपील
रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस से फैले विश्वव्यापी महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए जनता का एक मांगपत्र तैयार किया है और इस वैकल्पिक मांगपत्र के साथ आम जनता से 22 मार्च को जन एकजुटता दिवस मनाने की अपील की है। माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने यह जानकारी मीडिया को दी। एक बयान में उन्होंने कहा कि जब यह महामारी हमारे देश में तीसरे चरण को छूने जा रही है, जिसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक संक्रमण) के नाम से जाना जाता है, आम जनता के लिए स्वास्थ्य और आर्थिक पहलुओं से जुड़े ठोस कदमों की घोषणा करने के बजाए मोदी सरकार उसे ‘संकल्प और संयम’ का उपदेश दे रही है और संघी गिरोह द्वारा ताली और थाली पीटकर तथा गौमूत्र सेवन से कोरोना वायरस को भगाने का प्रचार किया जा रहा है। इससे हमारे देश में इस महामारी के और गंभीर रूप धारण करने का खतरा पैदा हो गया है।
माकपा नेता ने कहा कि पार्टी का वैकल्पिक मांगपत्र सोशल डिस्टेंसिंग पर कारगर ढंग से अमल करने, प्रत्येक नागरिक की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने तथा चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने पर बल देता है और इसके लिए सरकार से सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को राहत देने के उपाय सुझाता है, ताकि इस महामारी का मुकाबला किया जा सके। इन उपायों में सरकारी गोदामों में जमा अनाज से नागरिकों को एक माह का मुफ्त राशन वितरित करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, मनरेगा के जरिये ग्रामीण गरीबों को बड़े पैमाने पर काम देने, कमजोर वर्ग के तबकों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को एकमुश्त आर्थिक सहायता देने और खुदरा व्यापारियों और छोटे-मंझौले उद्योगों से बैंक कर्ज की वसूली को एक साल तक स्थगित करने की मांगें प्रमुख हैं।
माकपा नेता ने मीडिया को पूरा *मांगपत्र* भी जारी किया है, जो इस प्रकार है :
1. अधिकतम लोगों की जांच की जाये, खासकर उनकी, जिनमे सर्दी, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
2. सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने और मुफ्त में जांच की सुविधा के विस्तार, अस्पतालों की सुविधाओं, आइसोलेशन वार्डस और वेंटिलेटर्स की व्यवस्था के लिए खर्चे में बढ़ोत्तरी की जाये। निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के मरीजों की मुफ्त चिकित्सा के काम पर लगाया जाए।
3. समस्त जनधन खातों और बीपीएल लाभार्थियों के खाते में 5000 रूपये डाले जाएँ। राज्य सरकारों को यह राशि केंद्र सरकार दे।
4. सभी एपीएल/बीपीएल परिवारों, आप्रवासी मजदूरों के परिवारों को महीने भर का राशन मुफ्त में दिया जाये। इसके लिए एफसीआई के गोदामों में जमा साढ़े सात करोड़ टन खाद्यान्न का उपयोग किया जाए।
5. मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी) के काम के दिन बढ़ाकर 150 दिन किये जायें और जो भी उसमे काम मांगे उसे काम दिया जाए। .
6. सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार कर सभी आवश्यक वस्तुयें उसके जरिये उपलब्ध कराई जाएँ।
7. स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की जगह बच्चों के घरों/परिवारों में राशन किट पहुंचाई जाएँ।
8. इस आपदा से प्रभावित सभी क्षेत्रो के लिए वित्तीय पैकेज लाया जाए। यह वित्तीय सहयोग इस शर्त पर होना चाहिए कि ये कंपनियां और संस्थान अगले तीन महीने तक किसी को भी काम से बंद (लेऑफ़) नहीं करेंगे और किसी को भी रोजगार से नहीं हटाएंगे।
9. अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों में आर्थिक मदद देने के लिए एक कोष की स्थापना की जाए।
10. जो मजदूर कर्मचारी कोरोना वायरस के चलते काम पर नहीं जा पा रहे हैं उन्हें सवैतनिक बीमारी की छुट्टी दी जाए।
11. सारे खुदरा व्यापारियों और छोटे मंझोले उद्यमों के बैंक कर्जों में एक साल का स्थगन दिया जाए।