अपोलो अस्पताल जनता और प्रशासन को बना रही है बेवकूफ : महेश दुबे

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बिलासपुर. विचित्र किंतु सत्य छत्तीसगढ़ की सबसे प्रमुख स्वास्थ्य सेवा देने वाली संस्था अपोलो जो 300 बिस्तर का बड़ा अस्पताल है उसका किराया महज एक रुपए महीना है। सुविधाओं के नाम पर 0 कोरोना महामारी पर पिछले दस-पंद्रह दिनों पहले तक महाज 4 बिस्तर प्रशासनिक दबाओ पडने पर 50 बिस्तर की सहमति के बावजूद सिर्फ़ 20 बिस्तर की व्यवस्था कर सकीं है। विदित हो कि यहां इलाज कोई खैरात पर नहीं होगा, इसके लिए मरीजों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। उसके बावजूद इस संकट काल में क्षेत्र की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली संस्था अपोलो जनता एवं शासन प्रशासन को बेवकूफ बना रही है। इतनी बड़ी संस्था के पास करो ना इलाज के लिए 40 50 बिस्तर भी नहीं है तो ऐसे अस्पतालों पर तालाबंदी कर दी जानी चाहिए। शासन प्रशासन को गंभीरता से इस संकट काल में असहयोग कर रहे, ऐसी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। अपोलो में कम से कम वर्तमान में 100 बिस्तर की व्यवस्था होनी चाहिए। वह भी सरकार द्वारा तय किए गए दरों पर इलाज होना चाहिए।

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