आज ही के दिन दुबई स्थित बुर्ज खलीफा को आधिकारिक तौर पर खोला गया, पढ़ें 4 जनवरी का इतिहास
इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो नहीं सकता. इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसी कड़ी में जानेंगे आज 04 जनवरी को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा. जानेंगे, आज के दिन जन्में खास व्यक्तियों के बारे में और बात करेंगे उनकी जो दुनिया से इस दिन विदा होकर चले गए.
आज की महत्वपूर्ण घटनाएं-
1604 – शहजादा सलीम की बगावत नाकाम होने के बाद उन्हें बादशाह अकबर के हुजूर में पेश किया गया.
1643 – गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त और गति के नियम का प्रतिपादन करने वाले इंग्लैंड के महान भौतिक विज्ञानी एवं गणितज्ञ सर आइजक न्यूटन का जन्म.
1809 – दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने में मदद देने वाली लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्म. लुई तीन वर्ष की आयु में एक दुर्घटना में अपनी आंखों की रौशनी गंवा बैठे थे.
1906 – प्रिंस ऑफ वेल्स – जो बाद में किंग जार्ज पंचम बने- ने कलकत्ता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की आधारशिला रखी.
1948 – दक्षिण पूर्व एशियाई देश बर्मा (म्यांमार) को ब्रिटेन से आजादी मिली.
1958 – न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी ने दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा. 1912 में कैप्टन रॉबर्ट एफ़ स्कॉट के अभियान के बाद वह पहले अन्वेषक थे, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की. हिलेरी ने अपनी टीम के साथ खराब मौसम में करीब 113 किलोमीटर की यात्रा की.
1964 – वाराणसी लोकोमोटिव वर्क्स में डीजल का पहला लोकोमोटिव बनकर तैयार.
1966 – भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 की लड़ाई के बाद ताशकंद में शिखर बैठक की शुरुआत, जिसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने शिरकत की.
1972 – विभिन्न अपराधों की जांच को बेहतर और आधुनिक तरीके से अंजाम देने के लिए नई दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस की स्थापना.
1990 – पाकिस्तान में रेल दुर्घटना के इतिहास की सबसे दुखद घटना में दो ट्रेनों के बीच भीषण टक्कर में 307 लोगों की मौत और बहुत से लोग घायल हुए.
2007 – अमेरिका में नैंसी पेलोसी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव का स्पीकर चुना गया. इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला.
2010 – संयुक्त अरब अमीरात के दुबई स्थित बुर्ज खलीफा को आधिकारिक तौर पर खोला गया. इसे उस समय दुनिया की सबसे ऊंची इमारत कहा गया था.