जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले आरोपीगण को 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. न्यायालय राकेश कुमार ठाकुर अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगणलाल सिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह,जिला सागर को धारा 420 सहपठित धारा 120(ब) भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया द्वारा पुलिस थाना गौरझामर मंे इस आशय कि रिपोर्ट लेख करायी गयी कि साहब तथा उसका भाई मोहन सिंह दोनो तत्कालीन पटवारी हल्का नं. 18 के रामरतन पटवारी से साजिश करके खसरा नंबर 182/2 एवं 185/3 रकवा 0.26, 002 हे. जो कि सुहागरानी के नाम से उक्त जमीन है। उक्त जमीन का पट्टा लाल सिंह के नाम बनाकर फरियादिया को उक्त जमीन की रजिस्ट्री रूपए दो लाख पैतालीस में कर दिया। फरियादिया जब उक्त रजिस्ट्रीकृत जमीन का प्रमाणीकरण कराने पटवारी के पास पहुंची तो पटवारी ने उक्त जमीन सुहागरानी के नाम से होना बताया। तब फरियादिया को मालूम पड़ा कि उक्त जमीन का फर्जी पट्टा एवं दस्तावेज आरोपी, पटवारी रामरतन के साथ मिलकर तैयार किया और आरोपी मोहन के साथ मिलकर फरियादिया को विश्वास में लेकर उसे उक्त विवादित जमीन का सौदा कराने में सक्रिय रूप से भाग लिया। तत्कालीन पटवारी रामरतन को उसके विरूद्ध विभागीय जांच करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था, जिसकी मृत्यु किसी बिमारी के कारण हो चुकी है। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण लाल सिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह को धारा 420 सहपठित धारा 120(ब) भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।