छात्रवृत्ति किस्त नहीं दी, केंद्र पर 50 हजार जुर्माना
दिल्ली. हाईकोर्ट ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इंस्पायर योजना के तहत एक वार्षिक छात्रवृत्ति की तीसरी किस्त नहीं देने के लिए केंद्र पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने केंद्र को दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र को यह राशि आठ सप्ताह के भीतर देने का निर्देश दिया। अदालत ने केंद्र को छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ छात्र को 60,000 रुपये की तीसरी किस्त जारी करने का भी आदेश दिया। मौजूदा मामले में, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंध रखने वाले छात्र को पहले दो वर्षों के लिए छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया गया था, लेकिन तीसरे वर्ष के लिए उसकी छात्रवृत्ति रोक दी गई थी। केंद्र का दावा था कि योजना के तहत पात्र बने रहने के लिए छात्र का मुख्य विषयों में ‘सीजीपीए’ कम से कम 6 होना चाहिए। हालांकि, अदालत ने केंद्र के इस दावे को खारिज कर दिया।