May 5, 2024

खेलों के पॉवर हाउस हरियाणा के दम खम का गवाह बना राजपथ, हरियाणा की झांकी में दिखे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी

चंडीगढ़. 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दुनिया ने भारत की ताकत देखी. इस मौके पर दिल्ली का राजपथ खेल के क्षेत्र में दुनिया भर में अपनी पहचान बनाकर खेलों का ‘पॉवर हाउस’ बने हरियाणा के दम ख़म का गवाह बना. इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा राज्य की झांकी खेल के क्षेत्र में भारत के गौरव का प्रदर्शन करती नजर आई. जब यह झांकी राजपथ पर आई तो देखने वालों को लगा मानों उनके सामने कोई अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता हो रही है, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने जीत का परचम लहराकर तिरंगे को फहराया और दुनिया के पटल पर भारत का मान बढ़ाया.

खेलों में नंबर वन हरियाणा

खेलों में नंबर वन की थीम पर तैयार हरियाणा की इस झांकी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया, कुमारी रानी रामपाल और सुमित अंतिल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की मौजूदगी देखने को मिली. इन खिलाड़ियों ने ओलंपिक से लेकर एशियन और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है. खास बात यह है कि हरियाणा न सिर्फ खिलाडियों के प्रदर्शन से देश भर में प्रथम है बल्कि खिलाड़ियों को दिए जाने वाले मान सम्मान के मामले में भी कोई राज्य हरियाणा के आगे नहीं ठहरता.

हरियाणा की झांकी की खासियत

दो हिस्सों में बनी हरियाणा की झांकी के अगले हिस्से में घोड़े व भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रतीक शंख थे. घोड़ों से जुता रथ महाभारत युद्ध के “विजय रथ” का प्रतीक है. यहां रखा शंख भगवान कृष्ण के शंख का प्रतीक था. झांकी के दूसरे हिस्से को चार भागों में बांटा गया था. इसके पहले भाग में ओलंपिक की तर्ज पर बने अखाड़े में दो पहलवान खिलाड़ी कुश्ती का प्रदर्शन कर रहे थे. इसके पीछे के दो हिस्सों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हरियाणा के 10 ख्याति प्राप्त खिलाड़ी खड़े थे. झांकी के अंतिम हिस्से पर भाला फेंकने की मुद्रा में ओलंपियन नीरज चोपड़ा की आदमकद प्रतिकृति थी तो झांकी के दोनों ओर हाई रीलीफ में हरियाणा के चुनिंदा खेलों जैसे बॉक्सिंग, वेट लिफ्टिंग, शूटिंग, डिस्कस थ्रो व हॉकी के खिलाड़ियों की गतिविधियों को उकेरा गया था.

विजय रथ की कल्पना

खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों व अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में देश का मान बढ़ाने के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए हरियाणा राज्य की झांकी का विशेष रूप से चयन किया गया था. ‘विजय रथ’ रूपी यह झांकी केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे भारत के मान-सम्मान व गौरव का प्रतीक बनकर सामने आई. हरियाणा राज्य की झांकी के माध्यम से देश के सभी राज्यों व अन्य राष्ट्रों को न केवल हरियाणा की खेल प्रतिभाओं से नई प्रेरणा मिलेगी बल्कि वे इस छोटे से राज्य की बड़ी उपलब्धियों के साक्षी भी होंगे, जो सभी क्षेत्रों में विकास की लंबी दूरी तय कर चुका है. इससे पूर्व वर्ष 2017 के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ‘बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ’ थीम पर हरियाणा की झांकी का चयन किया गया था.

खिलाडियों को मान सम्मान देने में सबसे आगे हरियाणा

देश के केवल 1.3 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र और 2.09 प्रतिशत आबादी वाले हरियाणा ने ओलंपिक और एशियन गेम्स सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हमेशा देश का नाम रोशन किया है. टोक्यो ओलंपिक -2020 में भारत को प्राप्त कुल 7 पदकों में से हरियाणा के खिलाड़ियों ने 4 पदक जीते. इनमें व्यक्तिगत वर्ग में जीता गया एकमात्र गोल्ड मैडल भी शामिल है.

हरियाणा सरकार ने भी खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए समय-समय पर उन्हें उचित मान सम्मान से नवाजा है. हरियाणा सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले राज्य के खिलाड़ियों को 25.40 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार और क्लास -1 और क्लास -2 की सरकारी नौकरियों से सम्मानित किया. सरकार ने इसी प्रकार टोक्यो पैरालंपिक -2020 में देश का मान बढ़ाने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को 28.15 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार और नौकरियां प्रदान की हैं.

हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते सबसे ज्यादा पदक

हरियाणा सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दी जा रही आधारभूत संरचना, नकद पुरस्कार और अन्य सुविधाएं निश्चित रूप से देश भर में बेजोड़ हैं, जिनसे हरियाणा के खिलाड़ियों में खेलों के प्रति नया जज्बा पैदा हुआ है. जिसका असर खेल आयोजनों के नतीजों में भी देखने को मिल रहा है. टोक्यो ओलंपिक और टोक्यो पैरालंपिक-2020 के अलावा , हरियाणा के खिलाड़ियों ने ओलंपिक -2012 में भारत द्वारा जीते गए कुल 6 पदकों में से 4 पदक और ओलंपिक -2016 में 2 पदकों में से 1 पदक जीते थे.

इसी प्रकार एशियाई खेल- 2018 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश भर के खिलाड़ियों द्वारा जीते गए कुल 69 पदकों में से 17 पदक तथा एशियाई खेलों -2012 में कुल 57 पदकों में से 21 पदक जीते थे. राष्ट्रमंडल खेल -2014 और 2018 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने क्रमशः 20 और 22 पदक जीतकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था. खिलाड़ियों को उचित सम्मान देने के साथ – साथ हरियाणा सरकार खिलाड़ियों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा प्रदान कर रही है ताकि वे अपनी छिपी हुई प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकें.

झांकी पर मौजूद थे ये दिग्गज

इस झांकी में बजरंग पुनिया, कुश्ती कांस्य पदक (ओलंपिक 2020), कुमारी रानी रामपाल कप्तान, महिला हॉकी टीम चतुर्थ स्थान (ओलंपिक 2020), योगेश्वर दत्त कुश्ती कांस्य पदक (ओलंपिक 2012), ममता खरब हॉकी पूर्व कप्तान, महिला हॉकी टीम, अर्जुन अवार्डी, सुमित अंतिल, पैरा एथलीट स्वर्ण पदक (पैरालंपिक -2020), दीपक पूनिया कुश्ती चतुर्थ स्थान (ओलंपिक 2020), हरविंदर पैरा आर्चरी कांस्य (पैरालंपिक), योगेश कथूनिया पैरा एथलीट रजत पदक (ओलंपिक 2020), रामपाल पैरा एथलीट प्रतिभागी (पैरालंपिक 2020) और रंजीत पैरा एथलीट प्रतिभागी (ओलंपिक 2020) के साथ हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि डॉ. कुलदीप सैनी शामिल थे.

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