अवैध रेत खनन से आम लोगों की बढ़ी परेशानी, शिकायत के बाद भी प्रशासन ने साधी चुप्पी

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बिलासपुर. शहर में अवैध रेत खनन जन जीवन की परेशानी बढ़ गई है। वहीं शिकायत के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करने से अवैध परिवहन वालों के हौसले बुलंद हो रहे है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध रेत खनन को रोकने रेत घाट की नीलामी की थी। ताकि जनता को सुगमता से सही कीमत पर रेत मिल सके। नदी में पानी का स्तर बना रहे साथ ही नहीं पर निर्मित पूल को क्षति न हो। किंतु रेत के अवैध परिवहन, घाट से इत्तर जगह से रेत खनन और आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण लगातार एक्सीडेंट हो रहे है और लोगों को अपनी जान गवाना पड़ रहा है। अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों ने अपनी जान गँवा चुके है। जो परिवहन एक्सीडेंट होने के पूर्व तक वैध रूप से संचालित हो रहे होते है। एक्सीडेंट का बाद अचानक अवैध हो जाते है। आज एक छात्र भी रेत परिवहन करने वाले ट्रेक्टर के चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। जो ट्रेक्टर रेत परिवहन में चल रहे है, उनके पास कमर्शियल लाइसेंस भी नहीं होता और नहीं स्पीड की कोई सीमा। ड्राइवर नशे में धुत रहते है और रिहाइसी क्षेत्र जूना बिलासपुर, दयालबंद, गोण्डपारा या ग्रामीण क्षेत्रो में तेज गति से गाड़ी चलाते है। मना करने पर मारपीट करने पर उतारू हो जाते है। जिससे जनता में आक्रोश है। आज की घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई और अवैध परिवहन को तत्काल रोक लगाने की मांग की है। इस अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मैं स्वयं ग्रामीण क्षेत्रो में जाकर लोगों से मिलूंगा और उन्हें हो रही परेशानी से प्रशासन को अवगत कराऊंगा। यदि उसके बाद भी अवैध परिवहन नहीं रुका तो जनता की इच्छा के अनुरूप सड़क पर उतरना पड़ा तो वो भी करेंगे। अटल श्रीवास्तव ने कहा कि आज की घटना जिसमें एक छात्र की मौत हो गई है, मैं स्वयं व्यथित हूँ और मैंने खनिज अधिकारी से तीन बिंदु पर जानकारी मांगी है ।

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