International Space Station के नीचे चक्कर लगाते 10 UFO कैमरे में कैद, Aliens के अस्तित्व पर फिर छिड़ी बहस
वॉशिंगटन. एलियंस (Aliens) को लेकर एक और दावा सामने आया है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के ठीक नीचे कम से कम दस छोटी काली वस्तुओं (Small Black Objects) को उड़ते हुए कैप्चर किया गया है, जिन्हें अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) कहा जा रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के लाइव फीड के दौरान दक्षिणी अटलांटिक महासागर (Southern Atlantic Ocean) के ऊपर एक सर्कल में 10 UFO नजर आए हैं.
UFO Hunter ने किया दावा
रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) से NASA की लाइव स्ट्रीम के दौरान कैप्चर की गई तस्वीर में ओर्ब जैसी वस्तुएं (Orb-Like Objects) दिखाई दे रही हैं. यूएफओ हंटर “Mr MBB333” ने स्पेस वॉचर द्वारा तीन जुलाई को लिए गए स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ छोटी-छोटी वस्तुएं नजर आ रही हैं. इन वस्तुओं को UFO कहा जा रहा है.
Social Media पर चल रही चर्चा
अपने चौंकाने वाले पोस्ट में यूएफओ हंटर ने कहा है कि धरती के ऊपर स्पेस स्टेशन के नजदीक कम से कम 10 अज्ञात वस्तुएं देखी गई हैं, जो अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) हो सकती हैं. यूएफओ हंटर के इस दावे के साथ ही सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एलियंस के अस्तित्व को लेकर बहस शुरू हो गई है. अमेरिका में इस मुद्दे पर पहले भी कई बार बहस हो चुकी है. गौरतलब है कि एलियंस (Aliens) और UFO को लेकर अमेरिका (America) में हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की गई थी.
US ने माना जांच जरूरी
इस रिपोर्ट में सरकार की तरफ से कहा गया है कि रक्षा और खुफिया विश्लेषकों के पास नेवी पायलटों द्वारा देखी गईं रहस्यमयी उड़ने वाली वस्तुओं की प्रकृति का निर्धारण करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है. हालांकि, सरकार ने UFO के दावे को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है. अमेरिकी सरकार ने पहली बार ये माना है कि इस विषय पर विस्तृत जांच की जरूरत है.
अब तक 114 घटनाएं
अमेरिका में अब तक UFO देखने की 144 घटनाओं की जानकारी मिली है. इसके बारे में सरकार का कहना है कि पर्याप्त डेटा के अभाव में उसके लिए ज्यादा कुछ कह पाना मुश्किल है, लेकिन सच्चाई का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा. एलियंस के अस्तित्व से अलग एक आशंका ये भी जताई जा रही है कि अमेरिका से दुश्मनी रखने वाले देश रूस या चीन किसी एडवांस तकनीक से ऐसा भ्रम पैदा कर रहे हैं. इसे लेकर भी हाल ही में पेश रिपोर्ट में चिंता जाहिर की गई है.