May 7, 2024

3 जोड़ी एक्सप्रेस गाड़ियों में अतिरिक्त कोच की सुविधा

बिलासपुर. रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की बेहतर यात्रा सुविधा व अधिकाधिक यात्रियों को कंफ़र्म बर्थ उपलब्ध कराने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली 03 जोड़ी एक्सप्रेस गाड़ियों में अतिरिक्त कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है | इस सुविधा की उपलब्धता से इस गाड़ी में यात्रा करने वाले अधिकाधिक यात्री लाभान्वित होंगे | विवरण इस प्रकार है –

गाड़ी संख्या 18213/18214 दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस गाड़ी में एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा दुर्ग से 19  दिसम्बर 2021 को तथा अजमेर से 20 दिसम्बर 2021 को उपलब्ध रहेगी ।
गाड़ी संख्या 20847/20848 दुर्ग-ऊधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस गाड़ी में एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा दुर्ग से 15 व 22 दिसम्बर 2021 को तथा ऊधमपुर से  16  व 23 दिसम्बर 2021 को उपलब्ध रहेगी ।
गाड़ी संख्या 18237/18238 कोरबा-अमृतसर-बिलासपुर स्पेशल गाड़ी में एक अतिरिक्त सामान्य कोच की सुविधा कोरबा से 14 दिसम्बर 2021 को तथा अमृतसर से 16 दिसम्बर 2021 को उपलब्ध रहेगी l

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 106 इंजनों में लगे रीयल टाइम इंफार्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) की मिल रही है ट्रेनों के लोकेशन की सटीक जानकारी : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 106 रेल इंजनो में रीयल टाइम इंफार्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) डिवाइस लगाए गए है । चरणबद्ध तरीके से सभी इंजनो में इस प्रणाली को स्थापित किए जाने की योजना है । स्टेशन से छूटने के बाद ट्रेन किस पल कहां पहुंची, अब इसकी सटीक जानकारी ट्रेनों के इंजनों में लगे रीयल टाइम इंफार्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) की मदद से मिल रही है । इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा सैटेलाइट आधारित डिवाइस रेल इंजनों में लगाई गई है जो कि जीपीएस के आधार पर ट्रेनों की गति पढ़कर अपडेट जारी करती है । सेटेलाइट के जरिए ट्रेनों की ट्रैकिंग के लिए इंजनों में फिट डिवाइस के द्वारा सेटेलाइट के जरिए ट्रेनों की एक-एक पल की लोकेशन सिस्टम में ऑटोमेटिक फीड होता है । इससे न सिर्फ रेल इंजनो की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है बल्कि यात्रियों को भी इस सुविधा का लाभ ट्रेनों के लोकेशन की जानकारी के रूप में आसानी से मिलेगा ।  पूर्व में ट्रेनों की लोकेशन की जानकारी स्टेशन से स्टेशन के आधार पर मिलती थी । बीच की लोकेशन औसत चाल के हिसाब से गणना के आधार पर अपडेट की जाती हैं । वर्तमान में रीयल टाइम इंफार्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) के साथ अपग्रेड सिस्टम के शुरू हो जाने से ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने की वास्तविक टाइमिंग पता चलने के साथ ही साथ ट्रेन किसी जंगल से गुजर रही है या फिर कहीं आउटर पर खड़ी है, इन सबकी जानकारी भी मिलेगी । चूंकि भारतीय रेलवे में इंजन अलग-अलग ट्रेनों के साथ पूरे देश में भ्रमण करती है । अतः इस प्रणाली से रेलवे इंजनो को आसानी से कहां है इसका पता लगाया जा सकता है । और इन रेल इंजनो  के आवधिक मेंटेनेंस आदि को भी आसानी से सुनिश्चित किया जा सकेगा ।

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