असफलताओं से हो चुके हैं परेशान? अपना लें श्रीमदभागवद गीता सार में बताए गए ये 5 टिप्स
भगवान श्रीकृष्ण ने हजारों साल पहले महाभारत के युद्ध में गीता का संदेश दिया था. उन बातों को अब तक कई सदियां गुजर चुकी हैं. इसके बावजूद गीता के उपदेश मानव जीवन के लिए अभी भी प्रासंगिक बने हुए हैं. कहा जाता है कि जिस प्राणी ने इन उपदेशों का सार समझ लिया, उसे जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. अगर आप भी जीवन में विभिन्न बातों को लेकर निराश हो जाते हैं तो आपको श्रीमदभागवत गीता का एक बार पाठ जरूर कर लेना चाहिए.
ईश्वर को हमेशा करें याद
श्रीमदभागवदगीता (Shrimad Bhagwat Geeta Message) में कहा गया है कि चाहे सुख हो या दुख, ईश्वर का साथ कभी न छोड़ें. केवल ईश्वर ही आपको भव के पार लगा सकता है. आपकी सारी विपत्तियों को दूर कर सकता है. यहां तक कि अगर आप मृत्यु के वक्त ईश्वर का नाम लेते हैं तो जातक को भगवान का धाम मिलता है और वह जन्म जन्मांतर के चक्कर से मुक्त हो जाता है.
गुस्सा, लालच और वासना से बचें
गीता के संदेशों (Shrimad Bhagwat Geeta Message)में कहा गया है कि जिस व्यक्ति में गुस्सा, लालच या वासना में से कोई भी एक अवगुण हो, वह सीधे नरक के द्वार तक पहुंचने का अधिकारी बन जाता है. इसलिए जितना जल्दी हो सके, इन अवगुणों से दूरी बना लें. ऐसा करने से आपका जीवन अपने आप सुखी बन जाएगा.
बिना वजह संदेह करना छोड़ें
कई लोगों को शक करने की बीमारी होती है. वे हर वक्त बिना वजह केवल दूसरों पर शक करते रहते हैं. इस शक की बीमारी के चलते रिश्तों में स्नेह और भरोसा दोनों खत्म हो जाते हैं. साथ ही परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाते हैं. इसलिए इस बीमारी को खुद से जल्द दूर कर देना चाहिए.
इन बात पर कभी न करें शोक
गीता संदेश (Shrimad Bhagwat Geeta Message) में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मृत्यु एक अटल सत्य है. जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी जरूर होगी. इसलिए इस पर शोक न करें और शांत रहें. यह समझ लें कि जीवन और मरण प्रकृति का एक हिस्सा है और इससे कोई भी बच नहीं सकता.
निस्वार्थ भाव से समाज की करें सेवा
श्रीमदभागवत (Shrimad Bhagwat Geeta Message) में कहा गया है कि प्रत्येक प्राणी को ईश्वर ने बुद्धि प्रदान की है. इसका इस्तेमाल नेक कार्यों को बढ़ावा देने में करें. बुद्धिमान होने के बावजूद अगर आप निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने के बजाय षडयंत्र रचने में लगे रहते हैं तो आपका मान-सम्मान और धन-दौलत दोनों चले जाएंगे. इसलिए इस मुद्दे पर सचेत हो जाएं और अच्छे कार्य करें.
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