धोखाधड़ी करने वाले आरोपीगण को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास

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सागर. न्यायालय संतोष कुमार तिवारी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बीना के न्यायालय में आरोपी हरीराम प्रजापति एवं नरेन्द्र खटीक दोनों निवासी प्रताप वार्ड बीना जिला सागर धारा 420 सहपठित धारा 34 भा.द.वि. में दोषी पाते हुए 03-03 साल का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी सुनील कुमार बरूआ, बीना ने पैरवी की। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनांक 23.07.2011 को फरियादी ने पुलिस थाना बीना में लेखीय आवेदन दिया कि आरोपी हरीराम ने फरियादी को भूमी बेचने के संबंध में कहा और बताया उसके पिता ने भूमि का स्थानांतरण मेरे नाम कर दिया है और वह अपने हिस्से की भूमि को बेचना चाहता है। भूमि का सौदा 03 लाख रूपये में तय हुआ और दिनांक 07.09.2009 को 1 लाख 50 हजार रूप्ये देकर करार बेचनामा साक्षी के समक्ष नोटरी के यहा निस्पादित किया गया। जब फरियादी ने रजिस्ट्री के लिए कहा तो आरोपी ने बहाना बनाया कि अभी परिवर्तन नही हुआ। दिनांक 21.02.2011 को एक नया अनुबंध 90 हजार रूपये का किया गया। फरियादी द्वारा रजिस्ट्री के लिए बार-बार करने पर भी आरोपी द्वारा रजिस्ट्री ना करने पर फरियादी ने रजिस्ट्री एवं नामांतरण की प्रकरण की प्रति प्राप्त की तो आरोपी के पिता किशन लाल के जीवित रहते हुए आरोपी ने पिता को मृत घोषित कर नामांतरण अपने नाम करा लिया और अपने हिस्से की भूमि गौरीशंकर, नरेन्द्र और सुरेद्र को विक्रय कर दी। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना बीना में दर्ज की गयी। प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना पूर्ण की गयी और अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी हरीराम प्रजापति एवं नरेन्द्र खटीक दोनों निवासी प्रताप वार्ड बीना जिला सागर को धारा 420 सहपठित धारा 34 भा.द.वि. में दोषी पाते हुए 03-03 साल का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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