जिस Forest के नाम से ही कांप जाते हैं लोग, वहां मासूम बच्ची 3 दिन भटकती रही, किसी जानवर ने नहीं पहुंचाया नुकसान
मॉस्को. रूस (Russia) के घने जंगल (Dense Forest) में जहां जंगली भालू किसी को भी पल भर में मौत की नींद सुला सकते हैं. वहां से एक साल की बच्ची तीन दिनों बाद जब सकुशल वापस लौटी तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ. बच्ची के माता-पिता इसे चमत्कार मान रहे हैं. दरअसल, बच्ची खेलते-खेलते घने जंगल में खो गई थी. उसकी काफी तलाश की गई, लेकिन कोई पता नहीं चला. सभी मान बैठे थे कि अब बच्ची का मिलना मुश्किल है, क्योंकि जंगल खूंखार जंगली जानवरों से भरा हुआ है. खासकर भालू और भेड़िये (Bears & Wolf) वहां काफी तादाद में हैं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
Park से Forest में पहुंच गई
रिपोर्ट के अनुसार, 22 महीने की ल्यूडा कुजिना (Lyuda Kuzina) स्मोलेंस्क क्षेत्र के ओबनिंस्क स्थित अपने घर के पास एक पार्क (Park) में खेल रही थी और अचानक गुम हो गई. पेरेंट्स ने उसे आसपास काफी खोजा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. बचाव दल के करीब 500 सदस्य (Rescuers) भी जंगल में बच्ची की खोज करते रहे, मगर कोई सफलता नहीं मिली. कुजिना के पता-पिता को भी लगने लगा था कि शायद अब वह अपनी बच्ची कभी नहीं देख पाएंगे.
पेड़ के पास खड़ी मिली Kuzina
रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची जिस जंगल में खोई थी, वो जंगली भालुओं और भेड़ियों का अड्डा है. इसके बावजूद उसका तीन दिन बाद जीवित वापस लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं है. तीन दिनों तक जंगल की खाक छानने के बाद जब रेस्क्यू टीम की उम्मीद भी टूटने लगी थी, तभी टीम में शामिल महिला को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. उसने आवाज की दिशा में जाकर देखा तो ल्यूडा कुजिना एक पेड़ के पास खड़ी थी. वो बीच-बीच में ‘मैं राजकुमारी हूं’ बोलती जा रही थी.
कई लोगों पर हमला बोल चुके हैं Bears
बच्ची को तमाम कीड़ों ने काटा था और वो बेहद कमजोर हो चुकी थी. हालांकि, किसी भी जानवर ने उसे खरोंच तक नहीं पहुंचाई थी. कुजिना जंगल में 2 रात और तीन दिन अकेली रही. इस जंगल में लोग दिन के वक्त जाने में भी डरते हैं. क्योंकि भालू कई बार लोगों पर हमला बोल चुके हैं. लिहाजा, ऐसे में एक बच्ची का अकेले जंगल में तीन दिन बिताना किसी चमत्कार से कम नहीं है. सुनने वालों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि बच्ची सकुशल वापस लौट आई है.